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जो केमिकल मिर्ची को करता है तीखा, वो बढ़ाएगा सोलर पैनल की ताकत

aajtak.in
  • शंघाई,
  • 18 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST
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मिर्ची खाते समय आपको तीखा लगता है. गर्मी लगने लगती है. कान और चेहरा लाल हो जाता है. ये होता है उसके अंदर मौजूद एक रसायन यानी केमिकल से. अब यही केमिकल सोलर पैनल में लगाया जाएगा ताकि वह ज्यादा गर्म होकर ज्यादा ऊर्जा दे सके. सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेकर आपके घरों को रोशन करने वाले सोलर पैनल्स की टेक्नोलॉजी में यह एक नया कदम है, जब किसी मिर्ची में मिलने वाले रसायन का उपयोग उसकी क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाएगा. (फोटोःगेटी)

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इस रसायन का नाम है कैपसाइसिन (Capsaicin). इसी रसायन की वजह से चिली पेपर्स यानी मिर्ची तीखी और स्पाइसी लगती है. अब इस रसायन का उपयोग सोलर पैनल्स पर क्यों किया जाएगा? सिलिकॉन से बने सोलर पैनल्स सेल्स में सूरज की गर्मी से बिजली पैदा करते हैं. इस गर्मी में से कुछ प्रतिशत गर्मी बेकार हो जाती है. उसका उपयोग सोलन पैनल्स में लगे सेल्स नहीं कर पाते. (फोटोःगेटी)

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सोलर पैनल्स पर पड़ने वाली सूरज की पूरी गर्मी का उपयोग करने के लिए अब इन रसायनों का लेप लगाया जाएगा, ताकि गर्मी का उपयोग 100 फीसदी हो सके. इससे सोलर पैनल्स की क्षमता बढ़ेगी. क्षमता बढ़ने पर हमें ज्यादा रोशनी मिलेगी. शंघाई स्थित ईस्ट चाइना नॉर्मल यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट क्विनी बाओ और उनकी टीम ने पीरोवस्काइट सोलर सेल्स (Perovskite Solar Cells) बनाए हैं. इन सेल्स के ऊपर कैपसाइसिन (Capsaicin) का लेप लगाया गया है. यह स्टडी सेल साइंस मैगजीन में 13 जनवरी को प्रकाशित हुई है. (फोटोःगेटी)

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जब क्विनी बाओ और उनकी टीम ने कैपसाइसिन (Capsaicin) लगे पीरोवस्काइट सोलर सेल्स की लैब में जांच की तो पता चला कि इसकी क्षमता में 21.88 फीसदी का इजाफा हुआ. जबकि, जिन सोलर सेल्स में कैपसाइसिन (Capsaicin) नहीं लगा था उनकी क्षमता में सिर्फ 19.1 फीसदी का इजाफा था. (फोटोःगेटी)

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कैपसाइसिन (Capsaicin) लगाने से सोलर सेल्स से ज्यादा इलेक्ट्रॉन्स फ्री हो रहे थे. इनके कंडक्शन से तुलनात्मक रूप से ज्यादा बिजली पैदा हो रही थी. इस टेक्नोलॉजी की वजह से सोलर पैनल्स से जो गर्मी लीक हो रही थी, वह काफी ज्यादा कम हो गई. हालांकि इस टेक्नोलॉजी को लेकर अभी बड़े रिसर्च की जरूरत है. (फोटोःगेटी)

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बाओ कहते हैं कि कैपसाइसिन (Capsaicin) रसायन में ऐसी क्षमता होती है कि वह सिलिकॉन, लीड और पीरोवस्काइट सोलर सेल्स (Perovskite Solar Cells) के अंदर सूरज की गर्मी से रिएक्ट करके उन्हें ज्यादा क्षमतावान बनाते हैं. कैपसाइसिन (Capsaicin) आसानी और प्रचुर मात्रा में मिलने वाला रसायन है. ये सस्टेनेबेल भी है इसकी कमी कभी होगी नहीं. (फोटोःगेटी)

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जापान के योकोहामा यूनिवर्सिटी के सुतोमू मियासाका कहते हैं कि ऐसे कई प्राकृतिक ऑर्गेनिक कंपाउंड्स या रसायन है जिनमें कैपसाइसिन (Capsaicin) जैसे गुण होते हैं. इनके उपयोग से सोलर पैनल सेल्स की उपयोगिता बढ़ाई जा सकती है. आपको बता दें कि पीरोवस्काइट सोलर सेल्स (Perovskite Solar Cells) की खोज सुतोमू मियासाका ने साल 2009 में की थी. (फोटोःगेटी)

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