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LAC पर लाउडस्पीकर! चीन की पुरानी साजिश, 1962 में भी किया था इस्तेमाल

aajtak.in
  • 17 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:00 AM IST
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लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीनी सेना के बीच तनाव चरम पर है. इस दौरान चीन रोज भारत के खिलाफ नई-नई साजिशें रच रहा है. भारतीय सेना में सिख जवानों की मौजूदगी को देखते हुए चीन अब एलएसी पर फिंगर 4 इलाके में लाउडस्पीकर लगाकर उसपर पंजाबी गाने बजा रहा है. 
 

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सूत्रों के मुताबिक जहां चीनी सेना ने लाउडस्पीकर लगाए हैं, उस इलाके में भारतीय जवान 24 घंटे मुस्तैद हैं और चीन की हर साजिश को नाकाम करने के लिए तैयार हैं.

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सेना के पूर्व अधिकारियों के मुताबिक यह कोई नई बात नहीं और साल 1962 के युद्ध में भी चीन ने यही रणनीति अपनाई थी. चीन की सेना भारतीय सैनिकों पर मानसिक दबाव बनाने के लिए तहत इस तरह के गाने बजा रही है. 

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भारतीय सेना के एक पूर्व शीर्ष सैन्य अफसर के अनुसार, पीएलए ने 1962 में पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों के साथ ही 1967 के नाथू ला झड़प के दौरान लाउडस्पीकर की रणनीति का इस्तेमाल किया था. पूर्व अफसर ने कहा, "लेकिन भारतीय सैनिकों को पहले ही ऐसे किसी षड्यंत्र की जानकारी दे दी गई थी. भारतीय सेना ने 29-30 अगस्त को पैंगोंग त्सो के दक्षिण में रेजांग ला- रेचिन ला रिडेलीन पर चीनी सेना पीएलए को सबक सिखाते हुए झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 की ऊंचाइयों (ब्लैक टॉप) पर कब्जा कर लिया था.

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पूर्व अधिकारी के मुताबिक चीन की यह साजिश सफल नहीं होगी क्योंकि ट्रेनिंग के दौरान सैनिकों को ऐसी परिस्थिति की पहले ही जानकारी दी जाती है और साथ ही ये भी सिखाया जाता है कि दुश्मन जब ऐसा करे तो इस पर क्या व्यवहार करना है.भारतीय सेना की कार्रवाई से बौखलाई चीनी सैनिक कई बार घुसपैठ और ब्लैक टॉप पर कब्जे की कोशिश कर चुके हैं. चीनी टैंकों और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों में आगे बढ़ने से डरने के बजाय, भारतीय सेना ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर PLA सीमा पार करती है तो हमारे जवान मुंहतोड़ जवाब देंगे.
 

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