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भारत से तनाव के बीच चीन ने दागी मिसाइल, पहाड़ी रेगिस्तान में की ड्रिल

aajtak.in
  • 09 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST
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चीन ने एक बार फिर पूरी दुनिया को चिंता में डालने वाली हरकत की है. चीन ने लाइव फायर टैक्टिकल ट्रेनिंग के दौरान मध्यम रेंज की मिसाइल दागी. इस दौरान वह अपनी फौज के जवानों को सिखाना चाहता था कि कैसे इस मिसाइल को ल़ॉन्च किया जाता है. चीन की सेना पीएलए के 77वें ग्रुप आर्मी ने अगस्त के अंतिम दिनों में इस मिसाइल की लॉन्चिंग की थी. यह वहीं ग्रुप है जिसने साल 1962 में भारत के साथ हुए युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाई थी. 

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चीन की 77वीं ग्रुप आर्मी ने इस मिसाइल का परीक्षण किस जगह पर किया है इसकी जानकारी सामने नहीं आई है. लेकिन ये माना जाता है कि चीन के फौज की यह बटालियन हिमालय के आसपास ही कहीं तैनात है. इस बटालियन को पहाड़ों पर लड़ाई करने का अनुभव है. इस बटालियन ने भारत के अलावा जापान, कोरिया और वियतनाम से भी युद्ध किया था. 

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HQ-16 मिसाइल मध्यम दूरी की मिसाइल है. इसकी रेंज 40 से 70 किलोमीटर होती है. यह क्रूज मिसाइल, फाइटर जेट्स, छोटी या कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पर हमला कर सकती हैं. ये मिसाइलें एयर डिफेंस सिस्टम में तैनात की जाती हैं. इनका मुख्य काम है आसमान से आने वाली मुसीबतों पर हमला कर उन्हें खत्म कर देना. 

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HQ-16 मिसाइल का पूरा नाम है हॉन्ग की-16. इसे चीन ने ही विकसित किया है. लेकिन चीन ने रूस के बक-एम2 मिसाइल की नकल करके इसे बनाया था. आमतौर पर इस मिसाइल सिस्टम को ट्रक पर लोड किया जाता है. लेकिन यह युद्धपोत और पनडुब्बी में भी लगाया जा सकता है. चीन ने जिस जगह इसका परीक्षण किया है वह एक रेगिस्तानी इलाका है. 

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चीन ने इस साल कोरोना वायरस का फायदा उठाते हुए कई बार सैन्य अभ्यास किए हैं. सबसे पहले उसने 29 मार्च 2020 को सैन्य अभ्यास किया था. जिसकी दुनियाभर में काफी निंदा हुई थी. इसके बाद उसकी नौसेना ने 11 अप्रैल को अभ्यास किया था. जिससे पड़ोसी देशों को चिंता हो गई थी. वो काफी परेशान थे. उन्होंने अपनी सीमाओं की चौकसी बढ़ा दी थी.

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चीन ने लद्दाख से 600 किलोमीटर की दूरी पर परमाणु बमवर्षक तैनात किए हैं. इस मिसाइल का नाम है DF-26/21. यह मिसाइल चीन के शिनजियांग प्रांत को कोर्ला आर्मी बेस (Korla Army Base) पर तैनात की हैं. इसके अलावा चीन कैलाश पर्वत के पास अपना मिसाइल बेस तैयार कर रहा है. इन सभी जगहों की सैटेलाइट तस्वीरों से पुष्टि भी हो चुकी है. 

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