वैश्विक महमारी कोरोना से पीछा छुड़ाने के लिए दुनिया के कई देश वैक्सीनेशन की शुरुआत कर चुके हैं जिसमें चीन भी शामिल हैं. लेकिन वहां एक वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना वायरस पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया. हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक वहां पाया गया वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं है. (तस्वीर - रॉयटर्स)
चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, टेबल, दीवारों, डोर बेल्स और हॉल से लिए गए नमूनों में वायरस की पुष्टि हुई है लेकिन ये संक्रामक नहीं थे.
चीन की सीडीसी एजेंसी ने कहा कि जो वायरस पाए गए हैं वो वैक्सीन की शीशियों में पाए जाने वाले स्ट्रेन के समान जीनोम सीक्वेंस के थे, लेकिन वर्तमान में फैल रहे स्ट्रेन से बिल्कुल अलग थे.
बता दें कि चीन के टीकाकरण योजना में सिनोपार्म और सिनोवैक बायोटेक के टीकों का उपयोग किया जा रहा है. हांगकांग विश्वविद्यालय के एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ बेंजामिन काउलिंग ने वैक्सीनेशन सेंटर पर संक्रमण की संभावना की पुष्टि की और कहा कि ऐसे वायरस से डरने और चिंता करने की जरूरत नहीं है.
चीन के सीडीसी ने इस मामले को लेकर कहा कि दूषित टीकाकरण साइटों के कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. बता दें कि भारत में भी कोरोना वायरस के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है. पूरे देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है.