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भारत का दबदबा बढ़ता देख चीन ने उठाया ये कदम, बनाएगा कॉमर्शियल स्पेसपोर्ट

aajtak.in
  • बीजिंग,
  • 17 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:20 AM IST
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भारत ने अब तक 34 देशों के 342 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक स्थापित किए हैं. इससे ISRO को फायदा भी होता है. दुनिया में देश का नाम ऊंचा होता है. इसे देखकर चीन को जलन हो रही है. अब वह भी दुनिया भर के देशों और प्राइवेट स्पेस कंपनियों को अपनी तरफ बुलाने के लिए कॉमर्शियल स्पेसपोर्ट (Commercial Spaceport) बनाने जा रहा है. ताकि उसके देश में स्पेस इंडस्ट्री को बढ़ावा मिल सके. (फोटोः CNSA)

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चीन ने अपने 14वीं पंचवर्षीय योजना (साल 2021 से 2025) में इस प्रोजेक्ट को शामिल किया है. इसके जरिए वह देश में निजी स्पेस गितविधियों को बढ़ावा देना चाहता है. फिलहाल चीन के पास चार लॉन्च सेंटर्स हैं. ये सेंटर्स चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉर्प (CASC) के लॉन्ग मार्च रॉकेट्स को लॉन्च करती हैं. यह चीन का सबसे बड़ा स्पेस कॉन्ट्रैक्टर है. अगर स्पेस गतिविधियां बढ़ेंगी तो लॉन्च सेंटर्स की कमी होगी, इसलिए कॉमर्शियल स्पेसपोर्ट बनाने की योजना है. (फोटोः CNSA)

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नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) के उप-प्रमुख डोउ जियाओयू ने कहा इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि फिलहाल चीन सिर्फ देश के लिए स्पेस लॉन्च करता है. निजी कंपनियों की भागीदारी कम है. लेकिन अब स्पेस इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए हम कॉमर्शियल स्पेस पोर्ट का निर्माण करेंगे. हम घरेलू स्पेस लॉन्च को बढ़ावा देना चाहते हैं. यहां कई निजी कंपनियां इसमें रुचि ले रही हैं. (फोटोः CNSA)

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CASC की सब्सिडियरी कंपनी Expace ने कॉमर्शियल मकसद के लिए कुआईझोउ (Kuaizhou) सीरीज के सॉलिड रॉकेट्स बना रही है. ताकि इंटरनेट जैसी सुविधाओं के लिए लो-अर्थ ऑर्बिट में रॉकेट लॉन्च किए जा सकें. इन सैटेलाइट्स का नाम जिंगयुन है. ये मीथेल-लिक्विड ऑक्सीजन प्रोपेलेंट वाला इंजन भी बना रहा है. (फोटोः CNSA)

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चीन का यह कदम अप्रत्याशित नहीं था. चीन की सरकार ने साल 2018 में ही कहा था कि वो कॉमर्शियल स्पेसपोर्ट तैयार करेगी. जिसमें सरकारी स्पेस एजेंसी और निजी कंपनियां साथ में लॉन्च करेंगी. चीन ने निजी स्पेस कंपनियों के लिए बाजार 2014 में खोला था. इसके बाद चीन में लैंडस्पेस, आईस्पेस, वनस्पेस और गैलेक्टिक एनर्जी जैसी कंपनियां आईं. (फोटोः CNSA)

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इस समय चीन में दर्जनों स्पेस इंडस्ट्री से संबंधित कंपनियां हैं जो अपने-अपने लॉन्च के लिए चीन की सरकार से लगातार बात कर रही थीं. लेकिन लॉन्च पैड्स और रॉकेट्स पर्याप्त न होने की वजह से चीन इनकी लॉन्चिंग नहीं कर पा रहा था. इसीलिए चीन ने कॉमर्शियल स्पेसपोर्ट बनाने का फैसला लिया है. (फोटोः CNSA)

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चीन में इनलैंड तीन लॉन्च सेंटर्स हैं. पहला उत्तर-पश्चिम में स्थित जिउकुआन में, दूसरा उत्तर में स्थित ताइयुआन और तीसरा दक्षिण-पश्चिम में स्थित जिचांग में. चौथा सेंटर दक्षिण में हैनान प्रांत का तटीय वेंगचांग सेंटर. चीन चाहता है कि वह हर साल कम से कम 30 लॉन्च करे. अभी उसके लॉन्च की क्षमता 17 है. (फोटोः CNSA)

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चीन फिलहाल पूर्व की तरफ शैंडोंग प्रांत के हैईयांग शहर के तट में स्पेसपोर्ट बना रहा है. ये समुद्र से लॉन्च की सुविधा देगा. यहां से लॉन्ग-मार्च 11 रॉकेट लॉन्च किए जा सकते हैं. यहां का लॉन्च पैड समुद्र में तैरता है. इसे समुद्र में कहीं भी ले जाकर रॉकेट छोड़ा जा सकता है. (फोटोः CNSA)

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