कभी लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह की जीत के लिए धूनी रमाने वाले कंप्यूटर बाबा अब इंदौर के अपने अपने आश्रम में धूनी रमा कर बैठे हैं लेकिन इस बार उनका निशाना मध्य प्रदेश नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार है.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मंगलवार को दो साधुओं की तलवार से हमला कर हत्या करने के विरोध में इंदौर के अपने आश्रम पर कंप्यूटर बाबा ने लॉकडाउन के दौरान धूनी रमाई. कंप्यूटर बाबा के साथ उनके शिष्य राघव दास जी महाराज भी धूनी जमाकर बैठे.
यह धूनी बुधवार सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक लगाई गई जिसकी अवधि करीब 7 घंटे रही. इसके बाद बाबा का अनशन शुरू होगा. तपती धूप में धधकते कंडों के बीच बैठे कंप्यूटर बाबा का कहना है कि देश में कोरोना से फैली महामारी और संतों के ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मैंने धूनी लगाई है.
कंप्यूटर बाबा में योगी सरकार से पूछा, "वहां संतों की सरकार है. अब वहां राम राज्य है या रावण राज्य, योगी जी ही बताएं."
बाबा ने बताया कि इस दौरान अनशन के साथ लॉकडाउन का पालन करेंगे और उनके साथ इस धूनी अनशन में केवल दो ही संत शामिल हुए हैं और वह भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए. कंप्यूटर बाबा ने कहा कि अगर संतों की सुरक्षा भोजन और स्वास्थ्य की लॉकडाउन के दौरान कोई व्यवस्था नहीं की गई तो लॉकडाउन खुलने के बाद कंप्यूटर बाबा 10,000 संतों को लेकर बुलंदशहर में अनशन करने पहुंचेंगे.
बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का हाथ थाम कर कंप्यूटर बाबा ने सरकार बनाने की कसम खाई थी. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कंप्यूटर बाबा नदी न्यास समिति के अध्यक्ष भी बने लेकिन अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सरकार के लिए सिरदर्द भी बने.
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी कंप्यूटर बाबा ने भोपाल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के समर्थन में धूनी रमाई थी. भोपाल में हठयोग के लिए साधुओं के साथ जुटे कंप्यूटर बाबा ने ने कहा था कि बीजेपी सरकार पांच साल में राम मंदिर भी नहीं बना पाई. अब राम मंदिर नहीं तो मोदी नहीं.