पल्स पोलियो अभियान के तर्ज पर अब डोर टू डोर गर्भ निरोधक साधनों को लोगों के बीच बांटा जा रहा है. बिहार के एक क्वारनटीन सेंटर में यह देखने को मिला कि यहां आकर ठहरे प्रवासियों को कंडोम के पैकेट और महिलाओं को गर्भ निरोधक गोलियां बांटी गईं. (Demo Photo)
कोरोना संकट के बीच बिहार के गोपालगंज प्रशासन ने एक दिलचस्प फैसला किया है. परिवार नियोजन कार्यक्रम को प्रमोट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से अनोखी पहल की गई है. इसके तहत 14 दिनों की क्वारनटीन अवधि पूरी करने वाले प्रवासियों को परिवार नियोजन का तरीका बताया जा रहा है. साथ ही इसके लिए जरूरी साधनों का वितरण किया जा रहा है.
महिलाओं को बताया जा रहा था कि दूसरे प्रदेशों से आए परिवार के सदस्यों से कुछ दिनों तक दूरी बनाकर रहें. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखें. महिलाओं को गर्भ निरोधक गोली (माला डी) देने के साथ ही परिवार नियोजन के बारे में विशेष ध्यान देने के लिए जागरूक किया जा रहा है. होम क्वारनटीन में रहने वाले मजदूरों एवं महिलाओं को जनसंख्या नियंत्रण की जानकारी दी जा रही है.
आशा कार्यकर्ता हो या एएनएम सभी घर-घर जाकर गर्भ निरोधक साधन मुहैया करा कर इसके लाभ के बारे में जागरूक कर रही हैं. गोपालगंज में फुलवरिया प्रखंड मुख्यालय के उच्च विद्यालय माड़ीपुर में बनाये गए क्वारनटीन सेंटर में ऐसा ही नजारा देखने को मिला.
यहां मौजूद प्रवासी मजदूरों के बीच कांडोम का वितरण किया जा रहा था. इसी प्रकार से कई क्वारनटीन सेंटरों से मुक्त होकर घर लौटने वाले मजदूरों के बीच गर्भनिरोधक साधन बांटकर उन्हें घर भेजा गया.
गोपालगंज के डीएम अरशद अजीज के मुताबिक, अब तक 2 लाख 24 हजार लोगों के बीच गर्भ निरोधक साधन (कंडोम) वितरित किए जा चुके हैं. इसके साथ ही 40 हजार 470 महिलाओं के बीच गर्भ निरोधक गोलियां बांटी जा चुकी हैं.
डीएम ने आगे बताया कि स्कूलों में बनाए गए क्वारनटीन सेंटर और होम क्वारनटीन में रहने वाले लोगों के बीच डोर टू डोर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान केयर इंडिया के कर्मियों, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रवासियों को कंडोम देकर उन्हें परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है.