विज्ञान में मल का अध्ययन करने वालों को स्कैटोलॉजिस्ट कहते हैं. लेकिन इस विधा के वैज्ञानिक पिछले कुछ सालों से काफी परेशान थे क्योंकि इन्हें ऑस्ट्रेलिया में चौकोर मल दिख रहा था. कई बार तो एकदम क्यूब यानी घन के आकार का. हैरानी इस बात की थी कि ये नहीं पता चल पा रहा था कि आखिरकार ये किस जीव का मल है. अंततः इस रहस्य का खुलासा हो गया है. आइए जानते हैं कि ये चौकोर मल किस जीव का है? (फोटोः ट्विटर/डेविड हैमिल्टन)
स्कैटोलॉजिस्ट (Scatologist) डेविड हू और उनके अमेरिकी और ऑस्ट्रेलिया साथियों ने इस क्यूब के आकार के मल को छोड़ने वाले जीव का पता लगा लिया है. इसके बारे में उनकी रिपोर्ट साइंस जर्नल सॉफ्ट मैटर (Soft Matter) में प्रकाशित हुई है. ये जिस जीव का मल है वो ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में पाया जाता है. ये देखने में मोटे नेवले जैसा दिखता है. (फोटोः यूनिवर्सिटी ऑफ तस्मानिया)
इस जीव का नाम है वॉमबैट (Wombat). ये एक मीटर तक लंबे हो सकते हैं. इनका वजन 20 से 35 किलोग्राम होता है. आमतौर पर ये शाकाहारी होते हैं. वैसे तो ये इंसानों पर हमला नहीं करते लेकिन खतरा महसूस होने पर पंजा मार सकते हैं या दांत गड़ा सकते हैं. अब मुद्दा ये है कि आखिरकार ये ऐसे चौकोर मल कैसे निकालते हैं? (फोटोः गेटी)
वॉमबैट (Wombat) की आंत इंसानों या अन्य जानवरों की आंत की तरह गोल या सिलेंड्रिकल नहीं होती. इनकी आंतों में दो कड़े और दो लचीले हिस्से होते हैं. जब मल इनकी आंतों से निकलता है तो कड़े और लचीले हिस्सों के सिकुड़ने और फैलने की वजह से चौकोर या क्यूब के आकार में बदल जाता है. आमतौर पर ये रात में खाना खोजते हैं और खाते हैं. वॉमबैट (Wombat) के पाचन की प्रक्रिया बेहद धीमी होती है. इनका खाना पचने और मल बाहर निकलने में 8 से 14 दिन लगते हैं. (फोटोः गेटी)
एक वयस्क वॉमबैट (Wombat) एक रात में 2 सेंटीमीटर आकार का 80 से 100 मल छोड़ सकता है. डेविड हू ने बताया कि इनके मल और आंतों का अध्ययन करने से हमें भविष्य में डाइजेस्टिव हेल्थ और क्लीनिकल पैथोलॉजी की समझ बढ़ेगी. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में कुछ लोगों का मानना है कि वॉमबैट (Wombat) अपने मल की गंध के जरिए आपस में बातचीत करते हैं. हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है. (फोटोः गेटी)
वॉमबैट (Wombat) को अगर खतरा महसूस होता है तो ये अपने मजबूत पंजों की मदद से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से भाग सकते हैं. खुद पर होने वाले हमले से बचने के लिए ये अपने तेज पंजों से हमला करते हैं. इनके सूंघने की क्षमता बहुत ज्यादा ताकतवर होती है. ये अपनी नाक से 57 एकड़ के इलाके में किसी तरह की गंध को पहचान सकते हैं. (फोटोः गेटी)