हाल ही में अमेरिका(America) की मशहूर रिपोर्टर क्लेरिस वॉर्ड(Clarrise Ward) की एक तस्वीर वायरल हुई थी. इस तस्वीर को लेकर दावा किया गया था कि इस मशहूर पत्रकार को अफगानिस्तान(Afghanistan) में तालिबान(Taliban) की एंट्री के साथ ही पश्चिमी परिधान से इस्लामिक पोशाक पहनने को मजबूर होना पड़ा है. हालांकि महिला पत्रकार ने इसे लेकर ट्वीट किया था और इन तस्वीरों को लेकर सफाई दी थी. (तालिबान प्रेस कॉन्फ्रेंस/getty images)
अब एक और महिला पत्रकार सुर्खियों में हैं. शारलेट बेलिस (Charlotte Bellis) नाम की ये महिला पत्रकार न्यूजीलैंड की रहने वाली हैं. वे तालिबान की पहली आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकमात्र महिला पत्रकार थीं. वे साल 2019 से अल जजीरा के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने अपने सवाल के साथ ही अफगानिस्तान की महिलाओं की चिंता को थोड़ा कम करने की कोशिश की थी. (फोटो क्रेडिट: Charlotte Bellis)
उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तालिबान से पूछा था कि मैं आपसे महिलाओं के अधिकारों के बारे में बात करना चाहती हूं. क्या महिलाओं को काम करने का मौका दिया जाएगा और क्या लड़कियां तालिबान राज आने के बाद भी स्कूल जा सकेंगी? आप महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों को लेकर क्या आश्वासन देना चाहेंगे? (फोटो क्रेडिट: Charlotte Bellis)
इस इवेंट में जबीउल्लाह मुजाहिद तालिबान के प्रवक्ता के तौर पर मौजूद थे. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि शरिया कानून के हिसाब से महिलाओं को उनके अधिकार दिए जाएंगे. फिर चाहे वो बाहर जाकर काम करने को लेकर हों या बाकी गतिविधियों को लेकर, क्योंकि महिलाएं हमारे समाज का अहम हिस्सा हैं. (तालिबान प्रेस कॉन्फ्रेंस/getty images)
बेलिस ने AM Radio के साथ बातचीत में कहा कि मेरा ऐसा मानना है कि अमेरिकी सेना वापस अफगानिस्तान नहीं आ रही है. शायद यही कारण है कि अशरफ गनी को इस बात का एहसास हो गया था और वे देश छोड़कर भाग निकले. लेकिन विदेशी फंड के अभाव में तालिबान देश को चला नहीं पाएगा. यही कारण है कि उन्होंने काबुल में जोर-जबरदस्ती से सत्ता हासिल नहीं की. ये संगठन अंतराष्ट्रीय देशों से सपोर्ट की उम्मीद कर रहा है. (फोटो क्रेडिट: Charlotte Bellis)
गौरतलब है कि तालिबान ने कहा था कि महिलाएं हेल्थ सेक्टर और स्कूलों में भी काम कर सकेंगी. जब तालिबान से पूछा गया कि क्या मीडिया में भी महिलाएं काम कर सकेंगी? इस सवाल पर प्रवक्ता ने घुमा-फिराकर जवाब दिया था हालांकि उन्होंने कहा था कि तालिबान सरकार बनने पर शरिया कानून के हिसाब से क्या छूट-छूट मिलेगी, उस पर बाद में फैसला होगा. (फोटो क्रेडिट: Charlotte Bellis)
तालिबान की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान ने इसके अलावा भी कई आश्वासन दिए थे. तालिबान ने कहा था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ हमला करने के लिए नहीं होने दिया जाएगा. इसके अलावा किसी भी अंतरराष्ट्रीय दूतावास या संस्था को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. (फोटो क्रेडिट: Charlotte Bellis)
तालिबान ने सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि देश में मौजूद बाकी लोगों को भी आश्वासन देते हुए कहा था कि तालिबानी राज में अर्थव्यवस्था सुधरेगी और लोगों के जीवन स्तर को सुधारने की कोशिश की जाएगी. तालिबान ने कानून व्यवस्था को भी प्राथमिकता देने की बात कही है. (फोटो क्रेडिट: Charlotte Bellis)
गौरतलब है कि साल 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान ने राज किया था और लोगों खासकर महिलाओं के ऊपर बेहद सख्त कानून लगाकर उनकी आजादी का हनन किया था. तालिबानी कानून ना मानने पर लोगों को सख्त सजा दी जाती थी जिनमें कोड़े मारना, शरीर के अंग काट देना या मौत की सजा शामिल थी. (फोटो क्रेडिट: AP)