दुनिया भर में कोरोना वायरस लोगों की जान ले रहा है, ईरान में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. इसके बावजूद वहां का प्रशासन इस बीमारी को लेकर ढील बरत रहा है. ताजा मामला पाकिस्तान के बलूचिस्तान का है. यहां ईरान से आने वाले 14 जायरीनों (श्रद्धालु) के कोरोना वायरस के हेल्थ सर्टिफिकेट फर्जी निकले हैं, जिसके बाद सिक्योरिटी फोर्सज ने चैकिंग के दौरान उन्हें रोक लिया.
बताया जा रहा है कि जायरिन के पास कोरोना वायरस के जो हेल्थ सर्टिफिकेट मिले हैं, उन पर 30 फरवरी की तारीख लिखी हुई है, जिसमें उनको फिट करार दिया गया है. बता दें कि फरवरी 2020 का महीना 29 का था, लेकिन फर्जी कोरोना वायरस के हेल्थ सर्टिफिकेट में 30 तारीख लिखी हुई थी. इसको लेकर एक वीडियो ट्विटर पर तेजी से वायरल हो रहा है.
जानकारी के मुताबिक ईरान से आने वाले 14 लोग पाकिस्तान आए. जिन्हे चेकिंग के लिए सिक्योरिटी फोर्सेज ने रोका था. जब उन्होंने कोरोना वायरस के हेल्थ सर्टिफिकेट को चेक किया तो उसमें गड़बड़ी सामने आ गई.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, उन लोगों ने जाली हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाया था ताकि वे आसानी से बलूचिस्तान में दाखिल हो सकें. लेकिन फर्जी हेल्थ सर्टिफिकेट मिलने के बाद उन्हें बलूचिस्तान में घुसने की इजाजत नहीं दी गई. अब इस मामले को पाकिस्तान की हायर अथॉरिटी देख रही है. साथ ही इसको लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)
बता दें कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस के दो और मामलों की पुष्टि हुई है. इन्हें मिलाकर अब तक 20 मरीजों में इस वायरस के होने की पुष्टि हो चुकी है. उधर, ईरान से लगी तफ्तान सीमा पर कोरोना वायरस संदिग्धों के लिए बनाए गए विशेष शिविरों में पाकिस्तान के लोगों की संख्या चार हजार तक पहुंच गई है. (प्रतीकात्मक फोटो)
यह सभी कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित ईरान से वापस स्वदेश लौटे हैं. इन्हें सीमा पर शिविरों में रोका गया है. इन्हें कुछ दिन तक यहां एकांत में रखा जाएगा और जांच के बाद जाने दिया जाएगा. पाकिस्तान में कोरोना वायरस के जो मरीज सामने आए हैं, उनमें से अधिकांश ईरान से यात्रा कर लौटे हैं. (प्रतीकात्मक फोटो)