अंतरिक्ष पर पैनी नजर रखने वाला हबल टेलिस्कोप पिछले पांच दिनों से बंद था. वह 'सेफ मोड' में चला गया था. यानी गुरुवार तक उसने किसी तरह के साइंटिफिक एक्सपेरीमेंट्स नहीं किए न ही तस्वीरें लीं. इसकी वजह से हबल टीम काफी परेशान है, इस बेहतरीन टेलिस्कोप को सेफ मोड से बाहर लाने के लिए पांच दिन तक प्रयास किए जाते रहे. (फोटोःगेटी)
अमेरिकी अंतरिक्ष एंजेसी नासा ने बताया कि रविवार 7 मार्च की सुबह करीब 4 बजे के आस-पास हबल स्पेस टेलिस्कोप (Hubble Space Telescope) के सॉफ्टवेयर में एक गड़बड़ी हो गई है. इसकी वजह से हबल 'सेफ मोड' में चला गया. हालांकि अभी टेलिस्कोप को स्थाई रूप से बंद होने का खतरा नहीं है. हबल टीम ने ट्विटर पर लिखा कि सभी साइंस सिस्टम सामान्य दिख रहे हैं. हबल सुरक्षित है. अभी टीम हबल के नॉर्मल साइंस ऑपरेशन के लिए योजना बना रही है. (फोटोःगेटी)
हबल एकमात्र दूरबीन है जिसे अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अंतरिक्ष में रख-रखाव के लिए बनाया गया. हबल टेलिस्कोप को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के योगदान से बनाया गया था. स्पेस टेलिस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट (STSI) हबल के लक्ष्यों का चयन करता है. उससे मिलने वाले डेटा को संसोधित करता है, जबकि गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर अंतरिक्ष यान को नियंत्रित करता है. (फोटोःगेटी)
अभी सॉफ्टवेयर में खराबी के कारण हबल सेफ मोड में चला गया है. सेफ मोड एक सुरक्षात्मक फीचर है जो अस्थाई रूप से साइंस ऑब्जरवेशन को रोकता है. हबल के सोलर पैनल को सूर्य की तरफ ओरिएंट करता है जिससे पता लगे कि इसमें पर्याप्त शक्ति है या नहीं. (फोटोःगेटी)
2018 में नासा की तरफ से पोस्ट किए एक आर्टिकल के अनुसार पहले भी टेलीस्कोप सेफ मोड में चला गया था. वो तब तक सेफ मोड में रहा जब तक कि ग्राउंड से उस समस्या को ठीक नहीं कर दिया गया. हालांकि ऐसी समस्या को ठीक करने में समय नहीं लगता. (फोटोःगेटी)
2018 में हबल अपने एक जायरोस्कोप के बाद सेफ मोड में चला गया, ये वो उपकरण होते है जो सैटेलाइट को ओरिएंट करने में मदद करते है पर वो फेल हो गया. तीन हफ्ते बाद टीम जायरोस्कोप को ठीक किया जो पहले सही से काम नहीं कर रहा था. उसके बाद हबल अपने सामान्य ऑपरेशन करने लगा. अभी सेफ मोड में आने के बाद बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि हबल के हाइबरनेशन में जाने के पीछे सॉफ्टवेयर में खराबी क्या है. इसे ठीक होने में कितना लम्बा वक्त लगेगा. (फोटोःगेटी)
नासा के अनुसार, 1990 में इसकी शुरुआत के बाद हबल स्पेस टेलीस्कोप ब्रह्मांड में नज़र रखे हुए है. ये ग्रहों, सितारों, सुपर मैसिव ब्लैक होल्स, अंतरिक्ष मे होने वाली घटना, विलय होती गैलेक्सी और इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट के बारे में बताता है. 30 साल से अधिक के समय से अधिक काम करने के बाद भी यह मजबूती से अंतरिक्ष में टिका हुआ है. (फोटोःगेटी)
हबल टेलीस्कोप ने अब तक 14 लाख ऑब्जरवेशन किए है. 18,000 से ज्यादा पब्लिकेशन को पीर रिव्यू साइंस पेपर दिए है. नासा के अनुसार इन 30 वर्षों में, हबल ने ऐसे ऑब्जरवेशन दिए हैं जिसने मानवता की कल्पनाओं को पकड़ा है. हमारे ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान को बढ़ाया है. (फोटोःगेटी)