लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है. पेंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना के मंसूबों को फेल करने के बाद चीनी सैनिकों ने भारतीय पोस्ट के नजदीक आने की कोशिश की थी जिसके बाद दोनों तरफ से गोलीबारी भी हुई. चीन ने भारत पर सीमा लांघने का आरोप लगाया था लेकिन सैटेलाइट से ली गई उच्च क्षमता की तस्वीरों ने चीन के दावों को एक बार फिर झूठा साबित कर दिया.
पेंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना के अभियान के बाद जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं उसने चीन के दावों को झूठा साबित कर दिया है. इंडिया टुडे को मिले नवीनतम सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि भारतीय सेना के एलएसी पार करने के चीनी दावे गलत हैं और हमारी सेना ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है. इससे पहले, PLA के पश्चिमी थिएटर कमांड ने एक बयान जारी कर भारतीय सशस्त्र बलों पर LAC पार करने का आरोप लगाया था.
सैटेलाइट तस्वीरों से यह भी साफ हुआ है कि हेलमेट टॉप पर ना तो चीनी सेना और और ना ही भारतीय सेना ने कब्जा किया है. हालांकि तस्वीरों में चीनी सैन्य वाहनों के एक समूह की उपस्थिति और पहाड़ के नीचे स्थित कैंप में टेंट जरूर नजर आ रहे हैं. हेलमेट टॉप पूरी तरह खाली है.
इन हाई रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरों को 7 सितंबर को मैक्सार टेक्नोलॉजीज के उपग्रहों द्वारा लिया गया था. नई तस्वीरें बताती हैं कि झील के उत्तरी किनारे पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कुछ जगहों को खाली कर दिया है जहां पहले उनका कब्जा था.
जैसा कि इंडिया टुडे ने पहले बताया था, पीएलए ने फिंगर चार क्षेत्र को खाली कर दिया है, लेकिन फिंगर पांच और फिंगर आठ के बीच चीन की तरफ से अतिरिक्त बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य जारी है.
सैटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक फिंगर 4 क्षेत्र में जहां दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गईं थी वहां से चीन के नए कैंप की दूरी लगभग 1.7 किमी है. फिंगर 5 के किनारे पर निर्मित चीनी सेना के कैंप में 20 से अधिक बख्तरबंद गाड़ियां और भारी सैन्य वाहनों का जमावड़ा है.
फिंगर 5 क्षेत्र में चीनी सेना के अतिरिक्त टेंट और दुश्मनों से मुकाबले के लिए जुटाई गई सामग्री को आसानी से देखा जा सकता है. चीन ने जिस तरह से वहां तैयारी की है उससे लगता है कि चीन लंबे समय तक वहां टिके रहने के नजरिए से काम कर रहा है.