लद्दाख में ब्लैक टॉप पर भारतीय सेना के कब्जे के बाद भारत और चीन के बीच चार महीने से जारी तनाव चरम पर पहुंच गया है. दोनों देशों की सेना आमने-सामने है. ऐसे में चीन की किसी भी साजिश का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय वायु सेना भी हाई अलर्ट पर है और अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी है.
बातचीत और शांति का दिखावा करने वाले शातिर चीन को सबक सिखाने के लिए अब भारतीय वायुसेना ने भी अपने पंख फैला लिए हैं. सुखोई-30, मिग-29, मिराज-2000 जैसे फाइटर जेट्स को भारतीय वायुसेना ने अपने अग्रिम एयरबेस पर तैनात कर दिया है.
जानकारों के मुताबिक, लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायु सेना चीनी एयरफोर्स पर भारी पड़ेगी क्योंकि चीनी लड़ाकू विमानों को बहुत ऊंचाई वाले ठिकानों से उड़ान भरनी पड़ती है जबकि भारतीय विमान मैदानी इलाकों से एक झटके में चीन के इलाकों में कहर बरपा सकते हैं.
ये तैयारी सिर्फ लद्दाख में नहीं है. एयर चीफ मार्शल आर.के.एस भदौरिया ने वायुसेना की पूर्वी कमान में अग्रिम एयरबेस का दौरा किया जो सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी से लगे संवेदनशील इलाकों में चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं.
भारतीय वायुसेना की ये तैयारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया के सामने बातचीत और शांति का दिखावा करने वाले शातिर चीन ने लद्दाख सेक्टर और पूर्वोत्तर सीमाओं पर भी लड़ाकू विमानों की तैनाती की है. चीन ने तिब्बत से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक की सीमाओं पर अपने जे-20 और सुखोई-30 विमानों को तैनात किया है, जिसके बाद अप्रैल मई के दौरान ही भारतीय वायुसेना ने अपने अग्रिम मोर्चों पर सुखोई 30 और मिग 29 की तैनाती की थी.
भारतीय वायुसेना की इसी तैनाती के चलते ही पूर्वी लद्दाख में चीनी विमानों की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ पर लगाम लगी थी. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक LAC पर लड़ाकू विमानों से लेकर सैटेलाइट और सर्विलांस सिस्टम के जरिये निगरानी रखी जा रही है.
यानी मतलब साफ है चीन को सबक सिखाने के लिए भारत अब कोई कसर नहीं छोड़ेगा फिर चाहे वो लद्दाख के पहाड़ हों या आसमान हर जगह चीन को टक्कर देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है.