चीन की हरकतों पर नजर रखने के लिए भारत एक छोटे से देश को ऐसा सिस्टम दे रहा है, जिससे चीन के होश उड़ जाएंगे. भारत के मित्र देश को इस वैज्ञानिक सिस्टम से यह पता चल पाएगा कि चीन उसके समुद्री इलाके के आसपास क्या कर रहा है. साथ ही चीन के जहाज किस तरफ आ-जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि आखिर भारत और इस मित्र देश के बीच किस तरह के समझौते हुए हैं.
भारत अपने मित्र देश फिलिपींस को कोस्टल सर्विलांस राडार सिस्टम (Coastal Surveillance Radar System) देना चाहता है. इसके लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और फिलिपींस के टेयोडोरो लॉकसिन जूनियर ने वर्चुअल मीटिंग करके बातचीत की. दोनों देशों के बीच पांच साल पहले इस स्थाई कमीशन की बैठक हुई थी.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और फिलिपींस की सरकार रणनीतिक, रक्षा और मैरीटाइम सहयोग के लिए एकसाथ आई हैं. इसके लिए दोनों देशों के बीच मिलिट्री ट्रेनिंग, शिक्षा, क्षमता विकास किया जाएगा. इसके अलावा दोनों देशों के प्रतिनिधि की बैठकें होती रहेंगी. इसके साथ आतंकविरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे.
दोनों देशों के बीच जरूरी सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा ताकि दोनों देश एकदूसरे की सुरक्षा को पुख्ता कर सकें. आपको बता दें कि अक्टूबर में फिलिपींस के राष्ट्रपति रॉडिग्रो दुतेर्ते सरकार ने साउथ चाइना सी से तेल खुदाई के प्रतिबंध को हटा लिया था. अब फिलिपींस चीन की कंपनियों के साथ तेल खनन का कार्य कर सकते हैं. इस प्रोजेक्ट में चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉर्पोरेशन भी शामिल हैं.
फिलिपींस ने यह प्रतिबंध 6 साल बाद हटाया है. इसके लिए चीन और फिलिपींस की सरकारों के बीच समझौता भी हुआ है. फिलिपींस समझता है कि इस समझौते से चीन को कोई दिक्कत नहीं होगी. जबकि, चीन का मानना है कि साउथ चाइना सी एक विवादित इलाका है. इस पर उसका अधिकार है. अब देखना ये है कि जो समझौता दोनों देशों के बीच हुआ है. उसके अनुसार चीन फिलिपींस को कितना काम करने देता है.
फिलिपींस के विदेश मंत्री टेयोदोर लॉकसिन ट्वीट कर उम्मीद जताई है कि हमें ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग के क्षेत्र में भारत के अनुभवों से सीखने को मिलेगा. वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिलिपींस के छात्रों, शोधार्थियों और शिक्षाविदों का स्वागत किया है. साथ ही उन्हें संयुक्त फेलोशिप प्रोग्राम की सुविधाओं का लाभ लेने का आमंत्रण दिया है.
आपको बता दें भारत ने फिलिपींस को द इंटरनेशनल सोलर एलांयस और कोलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल होने का न्यौता भी दिया है. भारत और फिलिपींस के बीच कोस्टल सर्विलांस राडार सिस्टम को लेकर समझौता हो जाता है तो इससे चीन के नौसैनिक और गैर-नौसिक गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा.