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दुश्मन पर वज्रपात करेगा भारतीय K9-Vajra Tank, चीन-पाक के छूटेंगे पसीने

मंजीत नेगी
  • अहमदाबाद,
  • 18 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST
Indian Army Get 100th K-Vajra Tank
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भारतीय सेना की ताकत में गुरुवार को और बढ़ोतरी हुई है. सेना को एक ऐसा टैंक मिला है, जिसके सामने पाकिस्तान और चीन की कई तोपों की हालत पस्त हो जाएगी. ये दुश्मन के टैंक्स, बंकर और सेना पर कहर बनकर टूटता है. इस टैंक की खासियत ये हैं कि ये 18 किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर दूर तक गोला दाग सकता है. ये गोला एक बार निकल गया तो दुश्मन की मौत की खबर पक्की है. ये दुश्मन पर वज्रपात कर देता है. 

Indian Army Get 100th K-Vajra Tank
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इस टैंक का नाम है K9-Vajra. भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावने ने गुजरात में K9-Vajra का 100वां टैंक रिसीव किया. भारतीय सेना के पास जो K9-Vajra टैंक है उसका गोला 25 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन के भी छक्के छुड़ा देगा. 

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K9-Vajra टैंक भारत में बनाया गया है. ऐसे 100 टैंक का ऑर्डर 4500 करोड़ रुपए में दिया गया था. जो अब बनकर पूरे हो चुके हैं. इसका 80 फीसदी हिस्सा स्वदेशी है. इस टैंक के 13 हजार कलपुर्जे भारतीय कंपनी ने भारतीय परिस्थितियों को देखकर बनाया है. इसे बनाने में 1000 से ज्यादा इंडस्ट्रियल पार्टनर यानी MSME शामिल हैं. इसमें 150 तो सिर्फ गुजरात की कंपनियां हैं.

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भारत के K9-Vajra टैंक को बनाने वाली प्रमुख कंपनी लार्सेन एंड टुब्रो (L&T) है. इसे बनाने के लिए कंपनी ने नए रक्षा इंजीनियरों को ट्रेनिंग दी. उन्हें टैंक के ऑटोमेशन और अन्य एक्टिविटीज के लिए प्रशिक्षित किया गया. इसके बाद इस टैंक को बनाया गया है. 

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K9-Vajra टैंक को सबसे पहले दक्षिण कोरिया ने बनाया था. वहां हान्वा कंपनी के साथ मिलकर L&T ने रिसर्च किया. उनके टैंकों को भारतीय रणनीतिक परिवेश के मुताबिक बदला. उसके बाद उसे बनाकर भारतीय सेना को सौंपा है. इस टैंक को बनाने के गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में मौजूद L&T की शाखाओं ने काम किया है. 

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इस टैंक में 155 मिलीमीटर और 52 कैलिबर का गोला लगता है. इसका दूसरा हथियार है 0.50 कैलिबर का 12.7 मिलीमीटर हैवी मशीन गन (HMG). इसकी अधिकतम गति 67 किलोमीटर प्रतिघंटा है. इस तोप की रेंज 480 किलोमीटर है यानी यह एक बार ईंधन भरने पर 480 किलोमीटर तक जा सकती है. 
 

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K9-Vajra टैंक में 14.5 मिलमीटर का ऑर्मर पियर्सिंग गोले भी भरे जा सकते हैं. 152 मिलीमीटर के शेल फ्रैगमेंट्स और एंटी-पर्सनल माइंस की भी अत्याधुनिक सुविधा है. इसका गोला 928 मीटर प्रति सेकेंड यानी एक मिनट में 55,680 मीटर की दूरी तय करता है. इसका मतलब ये हुआ कि दुश्मन अगर 55 किलोमीटर दूर बैठा है तो वह 1 मिनट में तबाह हो जाएगा. 

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K9-Vajra टैंक का वजन 47 टन है. इसकी लंबाई 12 मीटर (39.37 फीट), चौड़ाई 3.4 मीटर (11.1 फीट) और ऊंचाई 2.73 मीटर (8.95 फीट) है. इस टैंक के अंदर पांच जवान बैठ सकते हैं. इसमें एक कमांडर, एक ड्राइवर, एक गनर और दो लोडर शामिल होते हैं. 

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K9-Vajra टैंक छह मॉडल हैं. पांच का उपयोग हो रहा है. छठा मॉडल अभी विकसित किया जा रहा है. इन मॉड्ल्स की फायरिंग रेंज 18 किमी, 30 किमी, 36 किमी, 40 किमी और 52 किमी है. 100 किलोमीटर से ज्यादा रेंज वाली टैंक पर काम चल रहा है. 

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K9-Vajra का उपयोग दक्षिण कोरिया के अलावा सात और देश करते हैं. ये देश हैं- तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, भारत, फिनलैंड, एस्तोनिया, नॉर्वे और मिस्र. ऑस्ट्रेलिया में K9-Vajra टैंक को ऑसी थंडर (Aussie Thunder) कहते हैं. भारत में इसे K9-Vajra-T (Lightning) नाम दिया गया है. वहीं, फिनलैंड में इसे K9FIN Moukari (Sledge-Hammer) कहा जाता है. 

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