अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने मून मिशन अर्टेमिस के लिए 13 फर्स्ट क्लास एस्ट्रोनॉट्स सेलेक्ट किए हैं. इनमें भारतीय मूल का भी एक शख्स है. दो साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद अब 10 जनवरी 2020 को इन्हें तीन स्पेस मिशन में शामिल किया जाएगा. यानी इनकी ग्रैजुएशन सेरेमनी होगी. आइए जानते हैं भारत की शान बढ़ाने वाले इस एस्ट्रोनॉट के बारे में...
13 एस्ट्रोनॉट्स पूरा करेंगे नासा के तीन मिशन
इन 13 एस्टोनॉट्स को नासा के तीन मिशन पूरे करने होंगे. अभी कौन सा एस्ट्रोनॉट क्या काम करेगा इसका फैसला नहीं हुआ है लेकिन ये सभी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS), अर्टेमिस मून मिशन और उसके बाद मंगल मिशन पर जाएंगे.
18,300 कैंडिडेट्स में से 13 एस्ट्रोनॉट्स का चयन
इन 13 एस्ट्रोनॉट्स का चयन 18,300 कैंडिडेट्स में से हुआ है. इनमें से 11 अमेरिकी और 2 कनाडाई हैं. 11 अमेरिकी अंतरिक्षयात्रियों में से ही एक हैं भारतीय मूल के राजा जॉन वुरपुत्तूर चारी.
फाइटर पायलट रहे हैं राजा चारी
राजा जॉन वुरपुत्तूर चारी को नासा में लोग प्यार से 'ग्राइंडर' या 'राजा चारी' भी बुलाते हैं. राजा अमेरिकी वायुसेना में कर्नल रह चुके हैं.
2000 घंटे उड़ा चुके हैं कई लड़ाकू विमान
42 वर्षीय राजा चारी के पास अमेरिकी वायुसेना के कई लड़ाकू विमानों को 2000 से ज्यादा घंटे उड़ाने का अनुभव है. ये इराक, अफगानिस्तान औऱ कोरियाई मिशन पर भी जा चुके हैं.
घर में पत्नी, मां और तीन बच्चे हैं
राजा चारी की मां पेगी, पत्नी होली और तीन बच्चे मिलवाउकी में रहते हैं. राजा चारी को बहादुरी और निष्ठा के लिए राष्ट्रीय स्तर 8 से ज्यादा मेडल मिल चुके हैं.
MIT से ली है पोस्टग्रैजुएट डिग्री
कर्नल राजा चारी ने मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में पोस्ट ग्रैजुएशन किया है.
सारे अमेरिकी लड़ाकू विमान उड़ाने का अनुभव
कर्नल राजा चारी के पास अमेरिकी फाइटर जेट F-35, F-15, F-15E, F-16 और F-18 उड़ाने का अनुभव है. इन्होंने अमेरिकी वायुसेना में 1999 से लेकर 2017 तक काम किया है.