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ऐसा दिखता है भारत का सबसे ताकतवर जासूसी उपग्रह

aajtak.in
  • 18 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो (Indian Space Research Organization- ISRO) ने 11 दिसंबर को देश का सबसे ताकतवर जासूसी रक्षा उपग्रह रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) छोड़ा था. 21 मिनट में उसे अंतरिक्ष में स्थापित भी कर लिया. 16 दिसंबर को इसरो ने ट्वीट किया कि इस उपग्रह का एंटीना खोल दिया गया है. यानी अब यह इमेजिंग के लिए तैयार है.
कैसे काम करता है ये उपग्रह, देखिए आखिरी स्लाइड्स में...

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देश की सीमाओं की निगरानी हुई आसान

रीसैट-2बीआर1 (RiSAT-2BR1) भारत की सुरक्षा और विकास का नया सिपहसालार है. अब यह अंतरिक्ष में 576 किमी की ऊंचाई से देश की सीमाओं पर नजर रखेगा. (फोटोः इसरो)

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क्यों जरूरी थी यह लॉन्चिंग?

  • 75वां लॉन्च व्हीकल मिशन था SDSC SHAR से.
  • 50वीं उड़ान थी पीएसएलवी की.
  • 37वीं उड़ान थी पहले लॉन्च पैड से.
  • 6ठी उड़ान थी साल 2019 की.
  • दूसरी उड़ान थी PSLV-QL रॉकेट की.

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PSLV-C48QL रॉकेट ही क्यों चुना गया था?

पीएसएलवी-सी48 क्यूएल (PSLV-C48QL) रॉकेट में चार स्ट्रैप ऑन्स होते हैं इसलिए इसे क्यूएल कहते हैं. यह इस रॉकेट की दूसरी लॉन्चिंग थी. लॉन्चिंग के करीब 21 मिनट बाद इस रॉकेट ने सभी 10 उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षाओं में स्थापित कर दिया. (फोटोः इसरो)

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कैसे काम करेगा RiSAT-2BR1?

RiSAT-2BR1 (रीसैट-2बीआर1) दिन और रात दोनों समय काम करेगा. यह किसी भी मौसम में तस्वीरें लेने में सक्षम होगा. चाहे बीच में कितने भी घने बादल क्यों न आएं. ये माइक्रोवेव फ्रिक्वेंसी पर काम करने वाला सैटेलाइट है. इसलिए इसे राडार इमेजिंग सैटेलाइट कहते हैं. यह रीसैट-2 सैटेलाइट का आधुनिक वर्जन है. (फोटोः इसरो)

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RiSAT-2BR1 कैसे करेगा देश की मदद?

RiSAT-2BR1 (रीसैट-2बीआर1) किसी भी मौसम में काम कर सकता है. साथ ही यह बादलों के पार भी तस्वीरें ले पाएगा. लेकिन ये तस्वीरें वैसी नहीं होंगी जैसी कैमरे से आती हैं. देश की सेनाओं के अलावा यह कृषि, जंगल और आपदा प्रबंधन विभागों को भी मदद करेगा. (फोटोः इसरो)

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कब और कैसे छोड़ा गया RiSAT-2BR1?

इसरो RiSAT-2BR1 सैटेलाइट को पीएसएलवी-सी48 क्यूएल रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड नंबर एक से अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया. 628 किलोग्राम वजनी RiSAT-2BR1 सैटेलाइट को पृथ्वी से 576 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में चक्कर लगा रहा है. (फोटोः इसरो)

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9 विदेशी उपग्रह भी साथ में हुए लॉन्च

इसरो पीएसएलवी-सी48 क्यूएल रॉकेट से RiSAT-2BR1 को तो लॉन्च किया ही. साथ ही उसने अमेरिका के 6, इजरायल, जापान और इटली के भी एक-एक सैटेलाइट का प्रक्षेपण भी किया. (फोटोः इसरो)

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मुंबई हमलों के बाद किया गया था बदलाव

26/11 को मुंबई पर हुए आतंकी हमलों के बाद शुरुआती रीसैट सैटेलाइट की तकनीक में बदलाव किया गया था. इन्हीं हमलों के बाद इस सैटेलाइट के जरिए सीमाओं की निगरानी की गई थी. घुसपैठ पर नजर रखी गई थी. साथ ही आतंकविरोधी कामों में भी यह सैटेलाइट उपयोग में लाई जा सकेगी. (फोटोः इसरो)

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इसरो का ट्वीट...

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इसरो का ट्वीट...

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