दुनिया के सबसे पुराने विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विराट को तोड़ने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. इसे गुजरात के अलंग में तोड़ा जाएगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से मंगलवार को बताया है कि आईएनएस विराट को अगले महीने मुंबई से गुजरात के अलंग ले जाया जाएगा.
दरअसल, आईएनएस विराट को तीस साल की सेवा के बाद आधिकारिक तौर पर 6 मार्च 2017 को ही रिटायर कर दिया गया था. अब इसे तोड़ा जाएगा. पिछले साल जुलाई में, केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि आईएनएस विराट को स्क्रैप करने का निर्णय भारतीय नौसेना के उचित परामर्श में लिया गया है.
1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किए गए सबसे लंबे समय तक सेवारत युद्धपोत को श्री राम ग्रुप ने पिछले महीने मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था. कंपनी के अध्यक्ष मुकेश पटेल ने कहा कि संभवतः मुंबई के नेवल डॉकयार्ड से अगले महीने अलंग में ब्रेकिंग यार्ड के लिए रवाना किया जाएगा.
लहरों के सिकंदर के नाम से मशहूर आईएनएस विराट भारत का दूसरा विमान वाहक पोत है, जिसने भारतीय नौसेना में 30 वर्ष तक सेवा दी है. इससे पहले उसने ब्रिटेन के रॉयल नेवी में 25 वर्षों तक सेवा दी. इसका ध्येय वाक्य 'जलमेव यस्य, बलमेव तस्य' था. जिसका मतलब होता है, 'जिसका समंदर पर कब्जा है वही सबसे बलवान है.'
चलता-फिरता शहर:
आईएनएस विराट एक प्रकार से चलता-फिरता शहर था. इस पर लाइब्रेरी, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं थीं.
226 मीटर लंबा और 49 मीटर चौड़े आईएनएस विराट ने भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद जुलाई 1989 में ऑपरेशन जूपिटर में पहली बार श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन में हिस्सा लिया था.
2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी. विराट ने छह साल से ज्यादा समय समुद्र में बिताए. इस दौरान इसने दुनिया के 27 चक्कर लगाने में 1,094,215 किलोमीटर का सफर किया.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल:
आईएनएस विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है. ये दुनिया का एकलौता ऐसा जहाज है जो इतना बूढ़ा होने के बाद भी इस्तेमाल किया जा रहा था और बेहतर हालत में था. इसे 'ग्रेट ओल्ड लेडी' के नाम से भी जाना जाता है. पश्चिमी नौसेना कमान की तरफ से एक बार बताया गया था कि यह इतिहास में सबसे ज्यादा सेवा देने वाला पोत है.