पाली जिले में जूनाखेड़ा की धरा पर फिर से पुरा वैभव की खोज शुरू होने वाली है. ये वो ही जूना खेड़ा गांव है जो नाडोल की ऐतिहासिक भारमल नदी के किनारे विकसित हुआ था.
इसके वैभव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां से इंद्रदेव व माता सरस्वती की प्रतिमाओं के साथ ही नरकंकाल व पक्के मकानों के अवशेष मिल चुके हैं.
पुरा वैभव की खोज के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग दिल्ली से हरी झंडी मिल चुकी है. स्वीकृति मिलने के बाद से ही फिर से पुरातत्व व संग्रहालय विभाग की ओर से यहां उत्खनन कार्य शुरू किया जाएगा.
एक हजार साल से भी पुराना वैभव ऐतिहासिक पुरा स्थलों में से एक जूनाखेड़ा नाडोल की खुदाई के बाद से ही ये तो स्पष्ट हो चुका है कि ये पुरातात्विक स्थल एक हजार साल से भी पुराना है.
2019 में उत्खनन अधिकारियों ने यहां खुदाई की. उस खुदाई में मिले अवशेषों के बाद उत्खनन अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जूना खेड़ा नाडोल 1000 वर्ष नहीं बल्कि 1500 वर्ष पहले से बसा हुआ था. खुदाई में ईंटों से बने पक्के फर्श मिले थे.