आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों का इलाज है. गुर्दे यानी किडनी से संबंधित कई गंभीर बीमारियों का इलाज एक खास आयुर्वेदिक फॉर्मूले से ठीक किए जा सकते हैं. हाल ही फार्मास्यूटिकल बायोलॉजी में प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि ये फॉर्मूला किडनी की कई गंभीर बीमारियों के लिए फायदेमंद है. विश्व गुर्दा दिवस से ठीक पहले ये रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. (फोटोःगेटी)
बताया जा रहा है कि इस फॉर्मूले में ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स तत्व हैं जो किडनी की कोशिकाओं में मौजूद जहरीले पदार्थों यानी प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (Reactive Oxygen Species- ROS) के प्रभाव को काफी तेजी से कम करते हैं. (फोटोःगेटी)
नई दिल्ली स्थित जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय (Jamia Humdard University) के रिसर्चर ने स्टडी की है कि आयुर्वेद में बताई गई चार मेडिसिनल प्लांट्स यानी पुनर्नवा, वरुण, रेवंद चीनी और कमल शामिल हैं. इन चारों के साथ कुछ अन्य मेडिसिनल प्लांट्सको मिलाकर बनाया गया यह फॉर्मूला काफी कारगर है. (फोटोःगेटी)
इस स्टडी में नीरी केएफटी को भी शामिल किया गया है. इसमें पुनर्नवा, गोखरू, वरुण, पत्थरूपरा और पाषाणभेद जैसे मेडिसिनल प्लांट्स शामिल हैं. स्टडी के दौरान लोगों के 9 अलग-अलग समूहों पर 8 दिनों तक विभिन्न उपचार पद्धतियां अपनाई गईं. (फोटोःगेटी)
सातवें समूह को नीरी केएफटी दी रही थी. इस समूह में प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (Reactive Oxygen Species- ROS) के लेवल में काफी कमी आई है. पुनर्नवा, वरुण, रेवंद चीनी और कमल के अलावा नीरी केएफटी के समूहों में प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों के स्तर में कमी देखी गई. (फोटोःगेटी)
प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (Reactive Oxygen Species) के लेवल में किडनी के स्वस्थ होने की निशानी है. आयुर्वेद फॉर्मूले में नीरी केएफटी और चार मेडिसिनल प्लांट्स में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स ROS के खिलाफ निरोधक का काम करते हैं. (फोटोःगेटी)