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वैज्ञानिकों का कमालः टिड्डियों के हमले को बना दिया किसानों के लिए वरदान

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:55 AM IST
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अफ्रीकी देश केन्या में टिड्डियों का भयानक हमला हुआ है. वहां के किसान पहले तो इस बात से दुखी हुए लेकिन अब वो टिड्डियों के आने से खुश हैं. क्योंकि एक वैज्ञानिक संस्था ने किसानों से कहा कि तुम टिड्डियों को हमारे पास लाओ, हम उसके पैसे देंगे. ये संस्था इन टिड्डियों को मारकर प्रोटीन से भरपूर पशु आहार बना रही है. अब इस प्रक्रिया से किसान भी खुश, पशु आहार खरीदने वाले भी खुश और टिड्डियों से हुए नुकसान की थोड़ी भरपाई भी हो रही है. (फोटोःरॉयटर्स)

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केन्या की संस्था द बग पिक्चर ने टिड्डियों से परेशान किसानों की जिंदगी बदल दी है. इस संस्था ने किसानों से कहा कि तुम टिड्डी जमा करके लाओ, हम तुम्हें पैसे देंगे. अगर किसान एक किलोग्राम टिड्डी लेकर इस संस्था के पास जाता है तो उसे पचास केन्यन शिलिंग यानी 33.14 रुपए मिलते हैं. टिड्डियों को रात में टॉर्च की रोशनी में जमा किया जाता है. (फोटोःरॉयटर्स)

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किसान कई-कई घंटे काम करके कई किलोग्राम टिड्डियां जमा करते हैं. फिर इन्हें बेचकर अच्छा पैसा कमा लेते हैं. अफ्रीका के तटीय इलाकों में समुद्री गर्मी की वजह से बारिश हो रही है. जिससे टिड्डियों का तादात बढ़ गई है. द बग पिक्चर इस समय मध्य केन्या के लाइकिपिया, इसिओलो और साम्बुरू में किसानों से टिड्डी जमा करा रही है. (फोटोःरॉयटर्स)

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द बग पिक्चर में काम करने वाले साइंटिस्ट इन टिड्डियों को मारकर उनसे ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर और पशु आहार बना रहे हैं. इस संस्था की फाउंडर लॉरा स्टेनफोर्ड ने बताया कि हम किसानों की नाउम्मीदी को उम्मीद में बदलना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि किसान टिड्डियों से परेशान न हों. उन्हें एक वैकल्पिक फसल माने, जो हर साल आएगी. वो हमे टिड्डी देते हैं, हम उन्हें पैसे. (फोटोःरॉयटर्स)

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केन्या के लाइकिपिया इलाके में तो ऐसे लगता है कि टिड्डियों का बादल आया है. पूरी की पूरी फसल खराब करते हैं टिड्डी. लेकिन अब द बग पिक्चर किसानों से कहते हैं कि जिन इलाकों में केमिकल स्प्रे नहीं हो सकता है, वहां से आप हमें टिड्डी पकड़कर लाकर दो. ये इलाका कम से कम पांच हेक्टेयर का होना चाहिए. (फोटोःरॉयटर्स)

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टिड्डियों का दल एक दिन में 150 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है. टिड्डी दल में प्रति वर्ग किलोमीटर 4 से 8 करोड़ टिड्डी होते हैं. लॉरा स्टेनफोर्ड ने बताया कि उन्हें टिड्डी से प्रोटीन युक्त पशु आहार और फर्टिलाइजर बनाने का आइडिया पाकिस्तान में आया. वहां भी कुछ लोग ऐसा करते हैं लेकिन वहां की सरकार टिड्डियों की समस्या के इस समाधान पर ध्यान ही नहीं देती. हमने यहां शुरू कर दिया. (फोटोःरॉयटर्स)

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लॉरा ने बताया कि हम रात में गांव के लोगों से सामुदायिक कार्य के तहत खेतों, पेड़ों और घरों से टिड्डियों को जमा करवाते हैं. किसान रात भर में कई किलोग्राम टिड्डी जमा कर लेते हैं. इसके बाद हम उन्हें टिड्डियों के बदले पैसे दे देते हैं. फिर इन टिड्डियों को कुचला जाता है, उन्हें सुखाया जाता है. इसके बाद इनका पाउडर बनाया जाता है तो पशु आहार और फर्टिलाइजर के तौर पर काम आता है. (फोटोःरॉयटर्स)

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लॉरा कहती हैं कि पहले केन्या के किसान टिड्डियों को देखकर घबरा जाते थे. उन्हें अपनी फसल का नुकसान दिखता था. लेकिन अब उन्हें इन्हीं टिड्डियों में कमाई दिखती है. हर रोज रात में हमारी संस्था टनों टिड्डियों को जमा करती है. हमने 1 से 8 फरवरी के बीच 1.3 टन टिड्डियों को जमा किया था. उसके बाद उनका पशु आहार और ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर बनाया गया. (फोटोःरॉयटर्स)

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