धरती को एस्टेरॉयड के हमले से बचाने वाले मिशन को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने टाल दिया है. इस मिशन में नासा दो एस्टेरॉयड्स से अपने अंतरिक्ष यान टकराने की तैयारी कर रहा था, ताकि उनकी दिशा बदल जाए. फिलहाल, पृथ्वी को बचाने के इस मिशन को आगे बढ़ा दिया गया है. आइए जानते हैं कि आखिर ये मिशन है क्या? अब नासा इस मिशन को कब अंजाम देगा? क्या उससे पहले दोनों एस्टेरॉयड्स धरती से टकरा जाएंगे? (फोटोः NASA DART)
नासा (NASA) ने धरती को एस्टेरॉयड्स से बचाने के लिए द डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test- DART) आगे बढ़ा दिया है. नासा अपने मिशन के जरिए धरती के नजदीक घूम रहे बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम डिडिमोस (Didymos) से अपना अंतरिक्षयान टकराने की तैयारी कर रहा है. इस मिशन में नासा का साथ दे रही है एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेसएक्स (SpaceX) कंपनी. (फोटोः NASA DART)
नासा (NASA) ने हाल ही में बताया कि वह इस 21 जुलाई से 24 अगस्त के बीच लॉन्च होने वाला यह मिशन अब टाल दिया गया है. अब इसे 24 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 के बीच पूरा किया जाएगा. इस मिशन को टालने का फैसला NASA साइंस मिशन डायरेक्टोरेट (SMD) ने लिया है. डायरेक्टोरेट चाहता है कि मिशन पूरा करने से पहले DART प्रोजेक्ट शेड्यूल का रिस्क मैनेजमेंट की सही से स्टडी कर ली जाए. (फोटोः NASA DART)
नासा (NASA) ने ये बात स्पष्ट की है कि मिशन टालने से डिडिमोस (Didymos) से उनके अंतरिक्षयान को टकराने की तारीख में अंतर नहीं आएगा. नासा का कहना है कि 24 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 के बीच भी लॉन्च करने से भी उनका यान डिडिमोस (Didymos) एस्टेरॉयड्स से अक्टूबर 2022 में ही टकराएगा. इस टकराव के पीछे नासा का मकसद है कि इससे एस्टेरॉयड की दिशा बदल दी जाए. (फोटोःगेटी)
ये दुनिया का पहला ऐसा मिशन है जिसमें कोई अंतरिक्ष एजेंसी धरती की रक्षा के लिए एस्टेरॉयड से अपना यान टकराने जा रही है. हाल में हुई रिस्क मैनेजमेंट जांच में पता चला कि डिडिमोस (Didymos) रिकॉन्सेंस, एस्टेरॉयड कैमरा फॉर ऑप्टिकल नेविगेशन (DRACO) और रोल-आउट सोलर एरे (ROSA) में कुछ तकनीकी खामियां हैं. (फोटोःगेटी)
एस्टेरॉयड कैमरा फॉर ऑप्टिकल नेविगेशन (DRACO) इमेजर को और मजबूत करने की जरूरत दिखाई दे रही है ताकि वह लॉन्च के दबाव और गति को संभाल सके. वहीं सोलर एरे (ROSA) अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है क्योंकि कोरोना की वजह से उसे बनाने के लिए उपयुक्त सामग्री की सप्लाई नहीं हो पा रही है. (फोटोःगेटी)
NASA साइंस मिशन डायरेक्टोरेट (SMD) के एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बचेन ने बताया कि नासा में मिशन की सफलता और उसकी सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखा जाता है. रिस्क मैनेजमेंट की जांच करने के बाद हमने एक दूसरी लॉन्च विंडो देखी है. पहली लॉन्च विंडो अभी बंद नहीं हुई है. नासा चाहती है कि जल्द से जल्द हमें सारी सामग्रियां मिल जाएं तो हम दूसरी लॉन्च विंडो में जल्द से जल्द इस मिशन को रवाना कर सकें. (फोटोःगेटी)
नासा (NASA) का अंतरिक्षयान स्पेसएक्स (SpaceX) के रॉकेट फॉल्कन-9 पर लगाकर वांडेनबर्ग एयर फोर्स बेस से लॉन्च किया जाएगा. डिडिमोस (Didymos) बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम में दो एस्टेरॉयड हैं. बड़ा वाला एस्टेरॉयड 2540 फीट चौड़ा है. इसे डिडिमोस बुलाते हैं. जबकि छोटे एस्टेरॉयड को डाइमॉर्फोस (Dimorphos) बुलाते हैं. यह 540 फीट चौड़ा है. नासा के इस मिशन के जरिए इस बात की जांच की जाएगी कि क्या इंसान धरती की ओर अंतरिक्ष से आ रही इस तरह की मुसीबतों से निजात पा सकते हैं या नहीं. (फोटोःगेटी)
नासा के इस मिशन का मकसद है कि धरती की ओर आ रहे एस्टेरॉयड्स से अंतरिक्षयान को टकरा कर उनकी दिशा में बदलाव किया जाए ताकि वह धरती के बगल से निकल जाए. नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि उनका अंतरिक्षयान अक्टूबर में डिडिमोस एस्टेरॉयड से टकराएगा, लेकिन वह सितंबर में ही उस एस्टेरॉयड के आसपास पहुंच जाएगा. तब उस एस्टेरॉयड की गति और टकराव के बाद का आकलन किया जाएगा. (फोटोःगेटी)
नासा (NASA) का यह मिशन 69 मिलियन यूएस डॉलर्स यानी 499 करोड़ रुपए से ज्यादा का है. सितंबर और अक्टूबर के महीने में डिडिमोस और डाइमॉर्फोस, दोनों एस्टेरॉयड धरती से 1.10 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर होंगे. अंतरिक्षयान और दोनों एस्टेरॉयड्स की टक्कर पर नासा के अलावा जॉन हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी, प्लैनेटरी मिशन्स प्रोग्राम ऑफिस, मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर और नासा का प्लेनेटरी डिफेंस कॉर्डिनेशन ऑफिस नजर रखेगा. (फोटोः NASA DART)