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NASA ने बनाया दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट बूस्टर, ताकत 45 हाइड्रोइलेक्ट्रिक बांध के ऊर्जा जितनी

aajtak.in
  • 03 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने करीब 60 साल बाद दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट बूस्टर बनाया. इसका सफल परीक्षण भी किया. यह बूस्टर इतनी ऊर्जा पैदा करता है जितनी 45 हाइड्रोइलेक्ट्रिक बांध मिलकर करते हैं. यह रॉकेट अमेरिकी रॉकेट सैटर्न-5 से भी ज्यादा ताकतवर है. इसी रॉकेट से अर्टेमिस मिशन के तहत अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स चांद पर जाएंगे और वापस आएंगे. 

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नासा के साइंटिस्ट ने उटाह के रेगिस्तान में स्थित टेस्टिंग फैसिलिटी में इस रॉकेट की ताकत का परीक्षण किया. यहां पर नासा और नॉर्थरोप ग्रुमन कंपनी के इंजीनियर मौजूद थे, जो काफी दूर से इस नजारे को देख रहे थे. इस रॉकेट को सिर्फ 2 मिनट के चलाया गया था. उतने में ही इसकी ताकत का अंदाजा लगा लिया गया. 

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इस रॉकेट बूस्टर का नाम है सॉलिड रॉकेट बूस्टर (SLS). अब तक दुनिया में बनाए गए सभी रॉकेट बूस्टर्स में से ये सबसे बड़ा है. यह 54 मीटर यानी 177 फीट लंबा है. इसका व्यास 4 मीटर है यानी करीब 13.12 फीट. 1960 में लाए गए सैटर्न-5 रॉकेट से भी कई गुना ज्यादा ताकतवर हैं. आपको बता दें कि अपोलो मिशन के लिए सैटर्न-5 रॉकेट का उपयोग किया गया था. 

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने मून मिशन के लिए तीन कंपनियों का चयन किया है. ये कंपनियां चंद्रमा तक एस्ट्रोनॉट्स पहुंचाने और वापस लाने वाले यान या स्पेसक्राफ्ट बनाएंगी. नासा 2024 में चांद की सतह पर एक महिला और एक पुरुष को उतारेगा. चांद पर उतरने के लिए नासा ने लैंडिंग सिस्टम बनाने के लिए तीन अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनियों को चुना है. 

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इन कंपनियों के नाम है स्पेस एक्स (Space X), ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) और डायनेटिक्स (Dynetics). इनमें से स्पेस एक्स के मालिक अरबपति एलन मस्क और ब्लू ओरिजिन के मालिक जेफ बेजोस हैं. तीनों कंपनियां नासा के साथ मिलकर अपने-अपने लैंडिंग सिस्टम को डिजाइन और विकसित करेंगी. 

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इन्हीं लैंडिंग सिस्टम के जरिए नासा अपने एस्ट्रोनॉट्स को चांद की सतह पर उतारेगा. शुरुआती डिजाइन विकास कार्य के लिए नासा तीनों कंपनियों को एक अरब डॉलर यानी 7577 करोड़ रुपये देंगी. तीनों कंपनियों को दस महीने में अपना शुरुआती डिजाइन बनाकर पूरा करना होगा.

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नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्रिडेनस्टाइन ने कहा कि तीनों कंपनियों के साथ जो समझौता हुआ है उसके मुताबिक हम पहली बार किसी महिला और पुरुष को चांद पर भेज रहे हैं. कंपनियों को इनके आने-जाने का पूरा ध्यान रखना होगा. ऐसा यान बनाना होगा जो आसानी से चले और सुरक्षित हो. 

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ब्लू ओरिजिन इस डील की प्राथमिक कैंडिडेट हैं. इसकी टीम में लॉकहीड मार्टिन, नॉर्थोप ग्रुम्मेन और ड्रेपर हैं. इनका लैंडर तीन स्टेज का होगा. इसमें बीई-7 क्रायोजेनिक इंजन लगा होगा. लॉकहीड क्रू केबिन बनाएगा. नॉर्थोप ग्रुम्मेन कार्गो और फ्यूल मॉड्यूल और ड्रेपर गाइडेंस, नेविगेशन, कंट्रोल, एवियोनिक्स और अन्य सॉफ्टवेयर सिस्टम बनाएगा. 

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डायनेटिक्स के पास कुल 25 सब-कॉन्ट्रैक्टर्स हैं जो इस मिशन में उसके साथ काम करेंगे. इस टीम में कई दिग्गज रक्षा कंपनियां भी हैं. इसकी डिजाइन में आप देखेंगे कि मल्टीपल मॉड्यूलर प्रोपेलेंट व्हीकल होंगे. क्रू केबिन जमीन से ज्यादा ऊपर नहीं होगा. दो बड़े सोलर पैनल होंगे. इससे यान में उतरना-चढ़ना और आसान हो जाएगा. 

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एलन मस्क की स्पेस एक्स ने अर्टेमिस मिशन के लिए स्टारशिप बनाया हुआ है. इससे सिर्फ चांद ही नहीं, मंगल और अन्य ग्रहों तक जा सकते हैं. इसमें भरोसेमंद रैप्टर इंजन लगा हुआ है. क्रू केबिन काफी बड़ा है. दो एयरलॉक्स हैं ताकि मून वॉक आसानी से हो सके. यह कई बार उपयोग में लाया जाने वाला रॉकेट हैं. इसका फ्यूल टैंकर चांद के चारों तरफ चक्कर लगाता रहेगा. जैसे ही जरूरत होगी स्टारशिप में रीफ्यूलिंग होगी. उसके बाद दोनों अपनी गंतव्य पर निकल जाएंगे. (सभी फोटोः NASA/SpaceX/Artemis Mission)

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