कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर की इकोनॉमी को झटका लगा है, वहीं नॉर्थ कोरिया भी इससे काफी अधिक प्रभावित समझा जा रहा है. ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक प्रतिबंध और कोरोना वायरस की वजह से नॉर्थ कोरिया, दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है. वहीं, नॉर्थ कोरिया की बड़ी आबादी पहले से गरीबी से जूझ रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया 1997 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है. वहीं, किम जोंग उन देश की इकोनॉमी पर पकड़ बनाए रखने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं.
नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग विदेशी मुद्रा हासिल करने के लिए नॉर्थ कोरिया में रहने वाले अमीर लोगों से पैसे मांग रहे हैं. इसके लिए सरकार रेयर बॉन्ड की बिक्री कर रही है. हाल के दिनों में इसमें काफी बढ़ोतरी देखी गई है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रेयर बॉन्ड स्कीम के जरिए किम जोंग उन देश के अमीर लोगों से नॉर्थ कोरिया के बजट का 60 फीसदी तक पैसा हासिल करना चाहते हैं.
नॉर्थ कोरिया ने कोरोना वायरस फैलने को लेकर दुनिया को कोई जानकारी नहीं दी है. देश में जारी कई गतिविधियों के आधार पर कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस को लेकर नॉर्थ कोरिना ने भी कई तरह के बैन लगाए गए हैं.
वहीं, चीन सहित अन्य देशों के साथ इंटरनेशनल ट्रैवल बंद होने से नॉर्थ कोरिया की इकोनॉमी को नुकसान पहुंचा है. सिओल में रहने वाले नॉर्थ कोरिया मामलों के जानकार पीटर वार्ड कहते हैं कि वायरस और आर्थिक प्रतिबंध की वजह से नॉर्थ कोरिया भीषण आर्थिक मुसीबत का सामना कर रहा है.
बता दें कि परमाणु परीक्षण करने की वजह से अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया के ऊपर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ किम जोंग उन की मुलाकात के बाद भी दोनों देश बड़ा समझौता नहीं कर पाए थे.