राजस्थान के भरतपुर में इन दिनों एक लंगूर की दादागिरी की चर्चाएं हो रही हैं क्योंकि यह लंगूर जब चाहे तब कचौड़ी व जलेबी की दुकान पर आ जाता है और खुद वहां बैठकर अपने हाथों से ही सुबह का ब्रेकफास्ट करता है. साथ ही उसके बाद किसी भी फल की दुकान पर जाता है और आराम से फलों का आनंद लेता है.
यही नहीं, जब वह कुछ भी और कहीं भी खाता है तो उसे किसी भी तरह की गुस्ताखी बिल्कुल पसंद नहीं. इसलिए लोग भी उसे कुछ कहने की हिम्मत नहीं जुटाते हैं. जब वह खाने के बाद अपनी मर्जी से जाता है तब तक दुकानदार उसका इंतजार करते हैं.
दरअसल, ये मामला शहर में चौबुर्जा इलाके का है. जहां जिले की मशहूर कचौड़ी बनती है. वहां यह लंगूर रोजाना सुबह होते ही ब्रेकफास्ट के लिए दुकान पर आ जाता है और वहां बैठकर कचौड़ी और जलेबी पूरे स्वाद के साथ खाता है.
दुकानदारों का कहना है कि सुबह जब दुकानों पर कचौड़ी और जलेबी बनती है और ग्राहक खाने के लिए आते हैं, तभी लंगूर भी वहां ब्रेकफास्ट के लिए आ जाता है और खाने लगता है.
लंगूर करीब आधा घंटे तक एक दुकान पर बैठता है. वहां उसे जो पसंद होता वह उठाकर खाता है फिर वह खुद ही वहां से चला जाता है. इस लंगूर को कचौड़ी, जलेबी, मटर, गाजर बेहद पसंद है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस लंगूर ने आज तक किसी भी इंसान पर हमला नहीं किया है ना ही किसी को परेशान किया है. वह सिर्फ अपने स्वाद के मुताबिक जलेबी और कचौड़ी साथ ही कुछ फल खाने के लिए समय पर रोजाना आ जाता है. पेट भरने के बाद खुद ही वापस चला जाता है.