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इंसानों के स्पर्म समेत 67 लाख प्रजातियों के DNA को चांद पर स्टोर करना चाहते हैं वैज्ञानिक, ये है वजह

aajtak.in
  • न्यूयॉर्क,
  • 15 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 3:15 PM IST
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अमेरिका के एक वैज्ञानिक ने कहा है कि वो चाहता है कि चांद पर दुनिया भर की 67 लाख प्रजातियों का DNA स्टोर किया जाए. इसमें इंसानों का स्पर्म, महिलाओं के अंडकोष, पेड़-पौधों के बीज, फंगस आदि शामिल हों. इन्हें क्रायोजेनिकली फ्रोजेन करके चांद पर रखा जा सकता है. इन्हें रखने के लिए साइंटिस्ट ने नोहास आर्क की तरह लूनर आर्क बनाकर उसमें इन्हें रखने का प्रस्ताव दिया है. ये प्रस्ताव उसने हाल ही में हुए IEEE Aerospace Conference में दिया. (फोटोःगेटी)

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एरिजोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जेकन थांगा (Jakan Thanga) ने कहा कि धरती पर मौजूद सभी प्रजातियों का DNA अगर किसी भी रूप में चांद पर स्टोर किया जाए तो यह पूरी दुनिया आधुनिक इंश्योरेंस पॉलिसी (Modern Global Insurance Policy) होगा. जेकन ने कहा इसके लिए हमें एक लूनर आर्क (Lunar Ark) बनाना होगा. (फोटोःगेटी)

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जेकन के अनुसार लूनर आर्क (Lunar Ark) एक तरह का जीन बैंक होगा. जो एक ट्यूब जैसा होगा. इसे चांद की उन गुफाओं में रखा जाएगा जो ठंडे पड़ चुके लावा से बने हैं. ये गुफाएं 300 करोड़ साल पुरानी हैं. लूनर आर्क (Lunar Ark) को सोलर पैनल्स के जरिए ऊर्जा प्रदान की जाएगी. (फोटोःगेटी) 

यहां पढ़ें जेकन थांगा का प्रस्ताव

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जेकन थांगा ने बताया कि इस काम में धरती से चांद के लिए करीब 250 रॉकेट्स की उड़ान करनी पड़ेगी. जेकन के इस बात पर कॉन्फ्रेंस में आए दुनिया के अन्य वैज्ञानिकों ने भी सहमति जताई है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस योजना से धरती के जीवों, पेड़-पौधों, इंसानों आदि प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं से बचेंगे. इससे उनके जीन्स सुरक्षित रह सकेंगे. (फोटोःगेटी)

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जेकन कहते हैं कि हमारे और प्रकृति के बीच गहरा संबंध है. जेकन एरिजोना यूनिवर्सिटी के स्पेस एंड टेरेस्ट्रियल रोबोटिक एक्सप्लोरेशन (SpaceTREx) लेबोरेटरी के प्रमुख हैं. जेकन ने कहा कि हम अपनी बायोडायवर्सिटी को बचाने के लिए इस तरह के प्रयास कर सकते हैं. अगर ऐसा नहीं किया तो प्राकृतिक और इंसानजनित आपदाओं की वजह से कई प्रजातियां खत्म होती चली जाएंगी. (फोटोःगेटी)

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अगर चांद पर इस तरह का लूनर आर्क बनाया जाएगा तो इससे धरती की जैविक विविधता बची रहेगी. जेकन कहते हैं कि ये ठीक वैसा ही है जैसे आप अपने कंप्यूटर का डेटा हार्ड ड्राइव में स्टोर करके रखते हैं ताकि बैकअप बनाया जा सके. इसमें किसी को कोई दिक्कत भी नहीं आनी चाहिए. (फोटोःगेटी)

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जेकन कहते हैं कि अगर कभी किसी बड़े और भयावह प्राकृतिक आपदा या प्रलय ने धरती को तबाह कर दिया तो चांद पर हमारी जैविक विविधता के जन्मदाता बचे रहेंगे. फिर चाहे धरती पर ज्वालामुखी फटे, भूकंप आए, सुनामी आए, पर्यावरण बदले, सौर तूफान आए या सूखा पड़े. लूनर आर्क में रखे हुए DNA या जीन्स की मदद से हम पुराने जीवों को वापस पैदा कर सकते हैं. (फोटोःगेटी)

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जेकन ने कहा कि ये ऐसा ही है जैसे नॉर्वे के आर्कटिक सर्किल में ग्लोबल सीड वॉल्ट स्वालबार्ड (Svalbard Global Seed Vault) बनाया गया है. इसमें कई प्रजातियों के बीज और जेनेटिक मटेरियल रखे हैं. लेकिन ये वॉल्ट एस्टेरॉयड या एटॉमिक हमले को नहीं झेल सकता. समुद्र का पानी बढ़ेगा तो भी ये खराब हो जाएगा. इसलिए चांद पर लूनर आर्क बनाना सुरक्षित है. (फोटोःगेटी)

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लूनर आर्क (Lunar Ark) को चांद की सतह के अंदर बनाया जाएगा. इसके ऊपर सिर्फ सोलर पैनल्स जो कि इसे ऊर्जा प्रदान करेंगे. चांद पर समुद्र या ज्वालामुखी नहीं है, इसलिए धरती जैसी प्राकृतिक आपदाओं से यह प्रभावित नहीं होगा. चांद पर बड़े एस्टेरॉयड भी नहीं गिरते. छोटे-मोटे उल्कापिंड से इसे कोई नुकसान होगा नहीं. (फोटोःगेटी)

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लूनर आर्क (Lunar Ark) बनाने के लिए जेकन ने लावा ट्यूब्स का जिक्र किया है. ये ट्यूब्स चांद की सतह के नीचे 300 करोड़ साल पहले बनी ज्वालामुखी गुफाएं हैं जो अब शांत और ठंडी हो चुकी हैं. अब इसमें खाली स्थान है. इन खाली स्थानों का उपयोग इस तरह से किया जा सकता है. (फोटोःजेकन थांगा)

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