राजस्थान के जालौर जिले में तेज धमाके के साथ बमनुमा आकार की चीज आसमान से आकर गिरी और जमीन में एक फुट तक धंस गई. इस धमाके की आवाज 2 किमी दूर तक सुनाई दी. इस चीज को उल्कापिंड बताया जा रहा है.
दरअसल, शुक्रवार को जालौर जिले के सांचौर चरखी गायत्री कॉलेज के पास तेज
धमाके के साथ बमनुमा आकार की चीज आसमान से आकर गिरी और जमीन में एक फुट तक
धंस गई. इस धमाके की आवाज 2 किमी दूर तक सुनाई दी. सूचना मिलते ही एक्सपर्ट
टीम ने मौके पर पहुंचकर धातु को कब्जे में लेकर जांच की, जिसमें आसमान से
गिरी धातु का वजन 2 किलो 788 ग्राम निकला.
आश्चर्य की बात यह है कि
इसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिस गति
से यह टुकड़ा जमीन पर गिरा, उसकी आवाज हेलिकॉप्टर जैसी होने के साथ-साथ उसके
आगे पंखानुमा कुछ उपकरण लगा हुआ था.
जबकि कुछ प्रत्यक्षदर्शियों
का कहना है कि उन्होंने आसमान से एक तेज चमक के साथ एक टुकड़े को गर्जना के
साथ नीचे गिरते देखा. नीचे गिरते ही एक धमाका हुआ. यह काफी देर तक गर्म रहा, इसके ठंडा होने पर
पुलिस ने इसे कांच के एक जार में रखवा दिया.
जब इसके गिरने की खबर फैली तो लोग इसे देखने के लिए उमड़ पड़े. हालत ये रही कि उसे वहां से हटाने के बाद भी लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा.
स्थानीय नागरिक
अजमल देवासी के अनुसार, सुबह करीब सवा 6 बजे आसमान से कुछ गिरा, जिसकी आवाज
बहुत तेज थी जैसे कोई प्लेन आकर गिरा हो. जबरदस्त धमाका हुआ हालांकि किसी
को मालूम भी नहीं चला कि क्या गिरा. आसपास में देखा तो जहां पर जमीन में
देखने से खड्डा बना हुआ था. यह हमारे घर के करीब 100 मीटर दूरी पर ही गिरा.
गिरने के बाद हमने धातु को देखा तो तुरंत प्रशासन को सूचना दी.
जालौर
में आईबी के इंस्पेक्टर मंगल सिंह के मुताबिक, आसमान से तेज आवाज के साथ
धातु गिरने की सूचना मिली है, जिसको देखते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन व
उपखंड अधिकारी मौके पर पहुंचे. आसमान से गिरी धातु का टुकड़ा करीब एक फीट
जमीन में अंदर धंसा था. इसका वजन करीब पौने 3 किलो के आसपास था और काफी
गर्म था.
जब यह आसमान से गिरी तो इसको लेकर तरह-तरह की अफवाहें भी सामने आईं. आसमान से गिरी वस्तु तीन घंटे बाद भी गर्म थी. ऐसे में विस्फोटक जैसी वस्तु से भी इनकार नहीं किया जा सकता. ऐसे में प्रशासन ने उस वस्तु से दूर रहने की सलाह दी.
इस धातु की जब कम्प्यूटर और मशीन से जांच की गई तो उसकी सतह में धातु
की मात्रा प्लेटीनम 0.05 ग्राम, नायोबियम 0.01 ग्राम, जर्मेनियम 0.02
ग्राम, आयरन 85.86 ग्राम, कैडमियम की मात्रा 0.01 ग्राम, निकिल 10.23 ग्राम
पाई गई है जिसका कुल वजन 2.788 किलोग्राम है.
इस बारे में
कम्प्यूटर टेस्टिंग के डायरेक्टर शैतानसिंह कारोला ने बताया कि उस उल्कापिंड की जांच में सतह से 5-6 धातुओं के बारे में पता चला है जिसमें
प्लेटिनम सबसे महंगी है. प्लेटिनम का भाव 5 से 6 हजार रुपये प्रतिग्राम
होता है. यदि उसकी जांच करने पर अंदर भी इसी तरह का मटीरियल निकलता है तो
इसकी कीमत करोड़ों में हो सकती है.
बता दें कि आकाश में
कभी-कभी एक ओर से दूसरी ओर अत्यंत वेग से जाते हुए अथवा पृथ्वी पर गिरते
हुए जो पिंड दिखाई देते हैं, उन्हें उल्का और साधारण बोलचाल में टूटता तारा
कहते हैं. उल्काओं का जो अंश वायुमंडल में जलने से बचकर पृथ्वी तक पहुंचता
है उसे उल्कापिंड कहते हैं.
(इनपुट- नरेश खिलेरी)