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पटना: बदइंतजामी में मौत, अस्पताल के बचाव में उतरा बहनोई, पत्नी का करारा जवाब

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2021,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST
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बिहार के भागलपुर की रुचि शर्मा ने हाल ही में अपने पति की मौत को अस्पतालों की लापरवाही बताया था. उन्होंने आजतक के साथ खास बातचीत में पटना के राजेश्वर अस्पताल समेत कुछ अन्य अस्पतालों की खराब हालात और ऑक्सीजन की किल्लत को अपने पति की मौत का जिम्मेदार बताया था. अब इस मामले में महिला के बहनोई और अस्पताल प्रशासन ने प्रतिक्रिया दी है. 

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राजेश्वर अस्पताल के मैनेजर सतेंद्र सिंह ने फेसबुक पर रिलीज किए गए एक वीडियो में कहा कि रोशन दास को 26 अप्रैल को अस्पताल लेकर आया गया था. उनकी हालत बेहद गंभीर थी. ऑक्सीजन लेवल 60-70 ही था और उन्हें तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया था. इलाज के दौरान उनके परिजनों के द्वारा किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की गई थी. 

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उन्होंने आगे कहा कि हमारे अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई किल्लत नहीं है और हमें सरकार का पूरा सपोर्ट मिल रहा है. रोशन दास की पत्नी के आरोपों के बाद कोरोना काल में लगातार मेहनत कर रहे अस्पताल के स्टाफ का मनोबल टूटा है. रोशन दास की पत्नी के सभी आरोप बेबुनियाद हैं.  

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वही इस मामले में अस्पताल में सॉफ्टवेयर का काम संभालने वाले और महिला के पति के बहनोई ने भी अस्पताल की काफी तारीफ की है. इस शख्स ने भी फेसबुक पर वीडियो के सहारे कहा है कि बिहार के कुछ क्षेत्रों में ऑक्सीजन की किल्लत हो सकती है लेकिन उनके अस्पताल में इसकी कोई कमी नहीं थी.

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उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारी से लेकर सीनियर डॉक्टर्स,  मरीजों के एक-एक मिनट का हाल इस अस्पताल में लेते हैं. दुर्भाग्य से रोशन को नहीं बचाया जा सका. लेकिन कर्मचारी के रूप मे, डॉक्टर के रुप मे इतना ज्यादा मेहनत करने के बाद भी अगर इस तरह का सलूक होता है तो ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. 

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रुचि शर्मा ने भी इस मामले में वीडियो बनाकर हर आरोप का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में मैं कहना चाहती हूं कि रोशन के बहनोई संतोष कुमार दास ने उन्हें 26 तारीख को भर्ती कराया था और वे फिर वहां से चले गए थे. इस मामले में उसी शख्स का बयान को प्रासंगिक माना जाए जो आईसीयू में रोशन के साथ 13-14 मौजूद रहा जो कि मैं हूं, संतोष कुमार के बयान को नहीं क्योंकि वे वहां थे ही नहीं. 

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उन्होंने आगे कहा कि मुझे सरकार से शिकायत नहीं है, ना ही अस्पताल के मालिक से शिकायत है और ना ही सतेन्द्र सर से शिकायत है. मुझे सिर्फ अस्पताल के स्टाफ से शिकायत है. इस अस्पताल में डॉक्टर से लेकर स्वीपर तक, भ्रष्टाचार में लिप्त है.  मेरे पति क्रिटिकल थे. इसके बावजूद लापरवाही के चलते एक पूरी रात को दवा ही नहीं दी गई थी. 

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उन्होंने कहा कि मेरे पति की मौत सुबह 5 बजे हुई थी. सुबह 4 बजे उन्हें ऑक्सीजन की किल्लत होने लगी थी. मेरे भाई ने उस समय संतोष कुमार दास को फोन किया था कि रोशन को ऑक्सीजन की दिक्कत हो रही है, उस समय उन्होंने कहा था कि अभी तो नहीं हो पाएगा और मेरा पति ऑक्सीजन की कमी से ही मर गया था. ऐसे में अगर कोई कह रहा है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं है, तो वो सरासर झूठ कह रहा है. 

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