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समंदर की गहराई में आप भी देख सकते हैं टाइटैनिक का मलबा, खर्च करने होंगे 93 लाख

aajtak.in
  • 17 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST
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टाइटैनिक दुनिया का सबसे खूबसरत और बड़ा जहाज था.  इस जहाज के बारे में ऐसा कहा जाता था कि यह जहाज कभी नहीं डूबेगा, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था.  जब 14-15 अप्रैल, 1912 की रात को ब्रिटिश जहाज टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर उत्तरी अटलांटिक सागर में डूब गया.  जिसके मलबे को 1985 में ढूंढा गया था. 

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अब उन टाइटैनिक प्रेमियों के लिए अच्छी खबर हैं जो टाइटैनिक के मलबे को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं. अब आप खुद टाइटैनिक के मलबे को देख सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको करीब 93 लाख रुपए खर्च करने होंगे. यह समुद्र की सतह से लगभग 12,467 फीट नीचे की यात्रा होगी. 

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पानी के नीचे की दुनिया की खोज करने वाली एक कंपनी ने टाईटैनिक सर्वे एक्सपीडिशन 2021 प्रोजेक्ट की घोषणा की है. इस दौरान लोगों को टाइटैनिक के मलबे की सैर कराई जाएगी. 

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फॉक्स न्यूज के अनुसार, ओशनगेट एक्सपीडिशन का प्रोजेक्ट पानी के नीचे टाइटैनिक के मलबे की खोज और रिसर्च के लिए 'नागरिक विशेषज्ञों' को 'मिशन विशेषज्ञ' के रूप में प्रशिक्षित करेगा. ओशनगेट के अनुसार, इस मिशन के विशेषज्ञ जिन्हें विशेषज्ञता में शामिल होने के लिए स्वीकार किया जाएगा, वे नागरिक वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं को मलबे वाली जगह पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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पहले शेड्यूल का उद्घाटन जुलाई के मध्य से मई के अंत तक होगा और इसके लिए छह मिशन निर्धारित हैं. प्रत्येक मिशन 10 दिनों तक चलेगा और इसमें 5 पनडुब्बी गोताखोर शामिल होंगे. जो नागरिक वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं को मलबे की साइट पर ले जाएंगे. ओशनगेट के अनुसार, सिरीज का एक और सेट गर्मियों में 2022 में चलेगा. 
 

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फॉक्स न्यूज के अनुसार, प्रत्येक मिशन पर जाने के लिए 9 योग्य वैज्ञानिकों को मंजूरी दी जाएगी. पांच व्यक्तियों पर केवल तीन "मिशन विशेषज्ञ" की अनुमति दी जाएगी.

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