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बीच रास्ते में हुई शवों की अदला-बदली, परिजनों को थमा दी थी कोविड पेशेंट की बॉडी

धर्मेंद्र कुमार शर्मा
  • 27 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST
Viral video of negligence hospital due to body exchange.
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लापरवाही को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाला इंदौर का ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल प्रबंधन एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है. इस बार इस हॉस्पिटल ने घोर लापरवाही कर शवों की अदला-बदली कर दी, जिसके बाद दो परिवार परेशान हो गए और उन्होंने जमकर हंगामा किया. (इंदौर से धर्मेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)
 

Viral video of negligence hospital due to body exchange.
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दरअसल, हुआ यूं कि खंडवा में रहने वाले एक व्यापारी की मौत रात में हो गई थी जिसके बाद सुबह अस्पताल प्रबंधन ने बॉडी परिजनों को सौंप दी. जब परिजन बॉडी को लेकर एम्बुलेंस के जरिये इंदौर से 60 किलोमीटर आगे बड़वाह और सनावद के बीच पहुंचे तो अचानक ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल से फोन आता है कि गलती से बॉडी बदल गई है और आपके पास महू में रहने वाले एक परिवार के बुजुर्ग की बॉडी है.

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मिली जानकारी के मुताबिक, शवों की अदला बदली का खेल उस वक्त उजागर हुआ जब महू निवासी परिवार के कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत के बाद परिजन बॉडी लेने अस्पताल पहुंचे. वहां पता चला कि वो शव खंडवा निवासी व्यापारी का है. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने खंडवा की ओर जा रहे महू के शव को वापस बुलाया और बीच रास्ते में शवों की अदला-बदली कराई. 

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इस पूरे मामले में खंडवा में रहने वाले परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गम्भीर आरोप लगाया है. उनकी मानें तो उनके 64 साल के पिता नॉन कोविड थे फिर भी उन्हें कोविड वार्ड में रखा गया था जबकि महू के बुजुर्ग व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई है. ऐसे में अब खंडवा की ओर जा रहे परिजन कोविड संक्रमित शव के साथ 60 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी का सफर तय कर चुके थे जिसके बाद अब उन दो लोगों और ड्राइवर पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.

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इस पूरे मामले के कई वीडियो खंडवा की ओर जा रहे परिजनों ने बनाए हैं जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हैं. वीडियो में साफ कहा जा रहा है कि ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में इलाज न कराया जाए तो ही ठीक है.

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बता दें कि कुछ दिनों पहले मशहूर डॉक्टर जीएस मित्तल की भी अस्पताल प्रबंधन की देरी के चलते मौत हो गई थी और उनके बेटे ने पलासिया थाने में शिकायती आवेदन भी दिया था जिसमें अस्पताल प्रबंधक डॉ. अनिल बंडी पर गम्भीर आरोप लगाए गए थे. इसके अलावा वेतन और मानदेय नहीं मिलने से
परेशान डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ ने भी ग्रेटर कैलाश अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. अब शवों की अदला-बदली का मामला सामने आया है.

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इस बारे में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि हमें सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में जो वाकया हुआ उसमें एक डेड बॉडी कोरोना पेशेंट की थी और एक नार्मल थी. पैकिंग के दौरान बॉडी बदल गई थी. बाद में हॉस्पिटल ने अपनी गलती मान कर बॉडी सही जगह पहुंचा दी है. अभी किसी की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है. अगर आएगी तो उचित कार्रवाई करेंगे.
 

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