कोरोना महामारी के इस दौर में आमजन को सबसे अधिक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा सिस्टम एवं उसके रहनुमा आमजन को चिकित्सकीय सुविधाएं देने में लाचार दिखाई दे रहा है जिसके चलते गरीब और आमजन लोग जान से हाथ धोने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
ऐसी ही एक मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना राजस्थान में धौलपुर जिले के बाड़ी उप खंड राजकीय अस्पताल के सामने घटित हुई है. 55 वर्षीय महिला नत्थो पत्नी रामसिंह कुशवाह की तबीयत खराब होने पर बसेड़ी के आक पुरा गांव निवासी परिजन बाड़ी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने लाये थे.
परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस नहीं मिलने पर महिला को बाइक पर बिठाकर ले कर आ रहे थे लेकिन रास्ते में पुलिस ने पकड़ लिया. दो सौ रुपये का जुर्माना लेकर पुलिस ने उनको जैसे-तैसे छोड़ दिया. आनन-फानन में महिला को बाड़ी सरकारी अस्पताल पहुंचाया लेकिन चिकित्सकों ने महिला की तरफ बिल्कुल भी नहीं देखा. चिकित्सक पर्ची पर कोरोना टेस्ट रिपोर्ट कराने के लिए भेज दिया.
परिजन जब कोविड टेस्ट कराकर वापस लौटे तो महिला ने अस्पताल के गेट के सामने ही दम तोड़ दिया. परिजन चीख-पुकार करते हुऐ चिकित्सकों को बुलाते रहे लेकिन महिला की नब्ज देखने तक की जहमत किसी भी चिकित्सक ने नहीं उठाई.
दूर से ही चिकित्सकों ने परिजनों को बोल दिया कि यह मर गई, अब इसे घर ले जाओ. चिकित्सकों द्वारा महिला को मृत घोषित किए जाने से परिजनों में कोहराम मच गया. मामले की खबर सुनकर एसडीएम राधेश्याम मीणा और पुलिस उप अधीक्षक बाबूलाल मीणा अस्पताल पहुंच गए जिन्हें परिजनों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. दोनों अधिकारियों में परिजनों से समझाइश कर मामले को शांत कराया.
उधर परिजन नवल सिंह कुशवाहा ने बताया 10 दिन पूर्व महिला को वैक्सीन की लगवाई थी जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई. महिला की तबीयत बिगड़ने पर बसेड़ी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन आज स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने बाड़ी सरकारी अस्पताल पहुंचाया लेकिन जहां चिकित्सकों की लापरवाही के चलते महिला की मौत हो गई.
पीड़ित परिजन नवल सिंह ने बताया कि वैक्सीन लगवाने के बाद से ही यह बीमार थी और बसेड़ी में ही इलाज लिया. आज ज्यादा तबियत ख़राब होने पर इन्हें बाड़ी लेकर आये. लाते समय पुलिस वालों ने रोक लिया और दो सौ रूपये का जुर्माना लगा दिया. पुलिस वालो को बताया कि मरीज को लेकर जा रहे लेकिन पुलिस वालों ने चालान कर दिया. उसके बाद बाड़ी अस्पताल में भर्ती कराने लाये तो चिकित्सकों ने पहले कोरोना जांच कराने का लिख दिया. कोरोना जांच करा कर लौटे तो अस्पताल के गेट पर ख़त्म हो गई और अभी तक कोई भी देखने नहीं आया हैं. कह रहे यहां से बॉडी को ले जाओ.
बाड़ी अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवदयाल मंगल ने बताया कि एक महिला को अस्पताल दिखाने लाया गया था. उसे तीन दिन से बुखार था और वह बता रही थी वैक्सीन लगवाने के बाद से ही बुखार आ रहा है. हमने उससे कोरोना जांच की बोला और आउटडोर चिकित्सक ने कोरोना जांच के लिए भेजा. एडमिट के लिए जैसे ही वह हॉस्पिटल के गेट पर आई. मैने उसको देखा तो उसकी सांस टूट गई थी. परिजन गलत आरोप लगा रहे हैं.