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मरते- मरते बचा छात्र, क्लास में बात करने पर टीचर ने दी दर्दनाक सजा

दक्षिण चीन के हुनान प्रांत के एक स्कूल में 14 साल के छात्र को क्लास में बातचीत करने की ऐसी दर्दनाक सजा मिली कि उसकी जान पर बन आई. दरअसल, उसे टीचर ने जो सजा दी उससे वह अपाहिज होते- होते बचा.

सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Pexels) सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Pexels)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 9:41 AM IST

स्कूलों में पढ़ाई को लेकर टीचर्स की सख्ती आम होती है. कई बार ये टीचर डांटकर तो कभी मारपीट कर भी पढ़ाने की कोशिश करते हैं. इसके अलावा क्लासरूम में शैतानी और बातचीत करने को लेकर भी छात्रों को टीचर आड़े हाथों लेते हैं. लेकिन दक्षिण चीन के हुनान प्रांत में चांगशा के एक मिडिल स्कूल में एक 14 साल के छात्र को क्लास में दोस्त से बातचीत करने की ऐसी सजा मिली जो उसने कभी सोचा भी नहीं था. उसके साथ कोई मार पिटाई नहीं हुई फिर भी उसकी जान पर बन आई.

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बात करने का ऐसी सजा?

लियू नाम के बच्चे के पिता ने ताओ नाम के टीचर की दर्दनाक सजा को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट किया है. उन्होंने बताया कि लियु के क्लास में बात करने से भड़के टीचर ने उसे 200 उठक बैठक करने की सजा दी. इसका नतीजा ये हुआ कि उसका लीवर डैमेज हो गया और बुरी हालत में उसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा.

दर्द के बावजूद टीचर्स नहीं समझे और...

दरअसल, स्कूल में सजा के बाद सबसे पहले लियू को अजीब डिस्कंफर्ट हो रहा था जो कई दिनों तक रहा. टीचर को दर्द के बारे में बताने के बावजूद उसे फिजिकल एजुकेशन की क्लास से एक दिन की भी छुट्टी नहीं दी गई. बल्कि उससे कहा गया कि स्लो जागिंग करो सब ठीक हो जाएगा.

पूरी तरह बंद हो गई एक पैर की सेंसेशन

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लियू को एक पैर सेंसेशन पूरी तरह बंद हो गई. उसकी मां उसे आनन फानन में निंग्ज़ियांग के पीपुल्स अस्पताल ले गई जहां उसे रबडोमायोलिसिस डायगनोज हुआ. जब तीन दिनों के बाद भी लड़के में कोई सुधार नहीं हुआ और हालत गंभीर हो गई तो उसे जियानग्या हॉस्पिटल सेंट्रल साउथ यूनिवर्सिटी के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया, जहां उसे प्लाज्मा एक्सचेंज और डायलिसिस के कई सेशन दिए गए.

क्या है रबडोमायोलिसिस?

रबडोमायोलिसिस एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है जो जानलेवा हो सकती है या फिर किसी को हमेशा के लिए विकलांग कर सकती है. यह आमतौर पर तब होता है जब मसल टिशू डैमेज हो जाते हैं और यह इंटरनल ऑर्गन्स को प्रभावित कर सकता है. लियू की मां ने कहा कि उनका बेटा पहले बिल्कुल ठीक था लेकिन टीचर की  सजा के बाद उसके लिए जान के खतरे की स्थिति आ गई.  स्थानीय शिक्षा ब्यूरो की एक जांच ने पुष्टि की कि ताओ ने वास्तव में लियू को 200 बार उठक-बैठक कराई थी. साथ ही कहा कि अब स्कूल ही बच्चे का सारा मेडिकल खर्च उठाएगा.

 

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