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16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ वेल्डिंग का काम करने लगी लड़की, कमाई कर देगी हैरान!

लड़की ने कहा- मुझे ट्रोल किया गया और कहा गया कि कंस्ट्रक्शन वर्कर का काम मेरे लिए नहीं है. इस काम के लिए मैं बहुत कमजोर हूं. ये पुरुषों की फील्ड है. लेकिन मैंने ठान लिया था कि इसी फील्ड में पैर जमाना है. फिलहाल, वह वेल्डिंग का काम कर रही है. 

कंस्ट्रक्शन वर्कर बनी ये लड़की (Pic: Imogen Jones) कंस्ट्रक्शन वर्कर बनी ये लड़की (Pic: Imogen Jones)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ने के बाद  एक लड़की कंस्ट्रक्शन वर्कर बन गई. अब वह 26 साल की हो चुकी है और हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रही है. हालांकि, पुरुष प्रधान पेशे में आने के कारण उसे ट्रोल भी किया गया. लेकिन ट्रोल से बेपरवाह वह सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ अपने काम को एन्जॉय कर रही है. 

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द सन के मुताबिक, 26 साल की हो चुकी इस लड़की का नाम इमोजेन जोन्स (Imogen Jones) है और वह इंग्लैंड के समरसेट की रहने वाली हैं. उन्होंने 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था. फिर कुछ समय बाद वो कंस्ट्रक्शन के काम में लग गईं. 

अब वो कंस्ट्रक्शन वर्कर के रूप में सालाना 80 लाख रुपये से ज्यादा कमा रही हैं. मतलब, महीने के 6 लाख रुपये से अधिक. इमोजेन अब अपनी कमाई से एक घर खरीदने का प्लान कर रही हैं. 

इमोजेन जोन्स

इमोजेन कहती हैं- मुझे ट्रोल किया गया और कहा गया कि कंस्ट्रक्शन वर्कर का काम मेरे लिए नहीं है. इस काम के लिए मैं बहुत कमजोर हूं. ये पुरुषों की फील्ड है. लेकिन मैंने ठान लिया था कि इसी फील्ड में पैर जमाना है. फिलहाल, इमोजेन कंस्ट्रक्शन साइट पर वेल्डिंग का काम करती हैं. 

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इमोजेन जोन्स (Imogen Jones)

इमोजेन का कहना है कि हर काम की शुरुआत में तकलीफ होती है. मगर लोग सीखते हैं और आगे बढ़ते हैं. इमोजेन के लिए शुरुआती दौर में बिल्डिंग की कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. लेकिन धीरे-धीरे वो सीखती गईं और आज एक अनुभवी कंस्ट्रक्शन वर्कर बन चुकी हैं. 

हालांकि, चुनौतियां आज भी बहुत कम नहीं हुई हैं. लोग अब भी महिलाओं को साइट देने से कतराते हैं. पेमेंट में भी असमानता देखने को मिलती है. साथ ही घर के काम से तालमेल बिठाना भी अपने आप में एक टास्क है. 

इमोजेन के दिन की शुरुआत सुबह साढ़े चार बजे से होती है. सबसे पहले वो घर का काम समेटती हैं. अपने लिए नाश्ता तैयार करती हैं और फिर नहा-धोकर काम के लिए निकलती हैं. वो कहती हैं कि उनका काम काफी खतरनाक होता है. वेल्डिंग के वक्त कई बार उनकी आंखों में चोट लगी. धूल-मिट्टी भी जाती रहती है. 


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