
बॉलीवुड फिल्मों में आपने कई बार देखा होगा कि कैसे कुंभ के मेले में बच्चे खो जाते हैं और सालों बाद बड़े होने पर अपने परिवार से मिलते हैं. मां अपने खोए हुए बेटे को जवानी में पहचानती है, और दोनों के बीच इमोशनल सीन होता है. ये 70 के दशक की फिल्मों के क्लासिक कहानी का हिस्सा रहा है.
लेकिन कहानी के इतर जब कुछ ऐसा हकीकत में हो. ये कहानी है अमेरिका के लुइस आर्मांडो की जिसके साथ कुछ ऐसा ही हुआ. 70 साल पहले लापता हुए लुइस आर्मांडो अल्बिनो की आखिरकार अपने परिवार से मिलन हुआ. ये ठीक वैसा ही था, मानो ये कोई फिल्म का सीन है.
ऐसे जुड़ी कड़ी से कड़ी
चलिए आपको इस कहानी के फ्लैशबैक में ले चलते हैं. साल 1951 था, जगह थी अमेरिका का कैलिफोर्निया. ओकलैंड के एक पार्क में एक मासूम बच्चा, लुइस आर्मांडो अल्बिनो, अपने भाई के साथ खेल रहा था. शाम के धुंधलके में, एक महिला ने उसे बहला-फुसलाकर उसका अपहरण कर लिया और उसे अपने साथ पूर्वी तट ले गई. वहां उसे एक दंपति ने अपने बेटे की तरह पाला, और इतने सालों तक उसकी असल पहचान छिपी रही.
कहानी का अगला अध्याय तब खुलता है जब लुइस की भांजी, अलीदा एलेक्विन, ने उसकी तलाश शुरू की. एक ऑनलाइन DNA टेस्ट, जो 2020 में मजाक के तौर पर किया गया था, ने एक कड़ी का पता दिया. यह टेस्ट 22 प्रतिशत का मैच दिखा रहा था, लेकिन परिवार ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. 2024 में, अलीदा ने दोबारा अपने मामा को खोजने का जिम्मा लिया.
70 साल बाद हुई परिवार से मुलाकात
कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और पुराने अखबार की कतरनों, तस्वीरों, और DNA टेस्ट ने परिवार को लुइस से मिलवा दिया. 20 जून 2024 को पुलिस ने पुष्टि की कि लुइस जिंदा है और उसे ढूंढ़ लिया गया. इसके चार दिन बाद, एफबीआई की सहायता से लुइस अपने परिवार से मिलने ओकलैंड आया.
जब लुइस की मां और भांजी ने उसे देखा, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.अगले दिन, अलीदा ने अपने चाचा को लेकर स्टानिस्लॉस काउंटी में रहने वाले उनके भाई रोजर के घर का रुख किया, जहां पूरा परिवार सालों बाद एक साथ मिला.
यह कहानी एक लंबी बिछड़ी हुई कड़ी के मिल जाने जैसी है, जो बताती है कि उम्मीद कभी खत्म नहीं होती.