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जोधपुर में झाड़ू क्यों लगा रही है तुर्की से आई महिला? सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो तो...

तुर्की से आई आयशा नाम की महिला का वीडियो जोधपुर के मंडोर गार्डन में सफाई करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. आयशा ने एक महिला सफाई कर्मचारी को देखकर खुद भी झाड़ू लगाने की इच्छा जताई और करीब आधा घंटा श्रमदान किया. इस घटना ने इंटरनेट पर स्वच्छता को लेकर कई तरह के रिएक्शन आ रहे हैं.

तुर्की से घूमने आई महिला ने जोधपुर के मंडोर गार्डन में लगाई झाड़ू तुर्की से घूमने आई महिला ने जोधपुर के मंडोर गार्डन में लगाई झाड़ू
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

सोशल मीडिया पर एक महिला का सफाई करते हुए काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में दावा किया जा रहा है कि झाड़ू लगा रही महिला का नाम आयशा है, जो तुर्की से जोधपुर घूमने आई है. सैलानी महिला का झाड़ू लगाने पर इंटरनेट पर कई तरह के रिएक्शन आ रहे हैं. कुछ यूजर्स ने महिला की तारीफ करते हुए उन लोगों पर तंज कसा जो घूमने वाली जगहों पर कचरा फैला देते हैं.

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वायरल वीडियो के मुताबिक, तुर्की से जोधपुर घूमने आई आयशा ने मंडोर गार्डन पहुंची थी, जहां एक महिला सफाई कर्मचारी को झाड़ू लगाते देखा. तभी आयशा ने अपने गाइड सुनील सोलंकी से कहा कि मुझे भी झाड़ू लगानी है, एक झाड़ू अरेंज करके दो. हालांकि पहले तो गाइड ने इसे मजाक समझा लेकिन जब महिला सैलानी ने जिद की तो उसे झाड़ू दे दी गई.

महिला सैलानी ने जोधपुर के मंडोर गार्डन में करीब आधा घंटा श्रमदान किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इसे लेकर यूजर्स अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक 'एक्स' (पहले ट्विटर) यूजर ने कमेंट किया, 'हमारे (भारत में) यहां लोग धार्मिक स्थलों पर जाते हैं और कूड़ा फेंकते हैं.' 

एक दूसरे यूजर ने एक्स पर लिखा कि यह स्वच्छता किसी जाति या वर्ग विशेष का काम नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेगारी है. यूजर ने कमेंट किया, 'स्वच्छता किसी जाति या वर्ग विशेष का कार्य नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है. श्रम का सम्मान करें, सफाई को अपनाएं और समाज में बदलाव लाएं. स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत!'

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एक यूजर ने लिखा, 'धार्मिक स्थलों या सार्वजनिक स्थानों पर सफ़ाई में सहयोग या श्रमदान करने की संस्कृति संस्कार विकसित हो तो महाकुंभ/हरिद्वार/वैष्णो देवी जैसे धार्मिक, उत्तराखंड/हिमाचल/माउंट आबू जैसे दर्शनीय और गंगा/जमुना/नर्मदा/गोदावरी के घाट भी स्वच्छ सुंदर बने रह सकते हैं.' वहीं एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, 'इनके यहां किसी ने भेदभाव करना नहीं सिखाया वरना ये कभी नहीं करती.'

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