
समुद्री सांपों की स्टडी करने वाले बोफिन्स ने इन अनोखे जीवों के बारे में कई दिलचस्प जानकारियों का खुलासा किया है. अध्यन्न में इसका भी जिक्र है कि नरों ने मादाओं पर नजर रखने में मदद के लिए बड़ी आंखें विकसित की हैं. साइज के लिहाज से भले ही मादा एपिसुराइन समुद्री सांप, नरों की तुलना में लंबी हो, लेकिन उनके नरों ने मेटिंग के लिए पार्टनर ढूंढने में मदद करने के लिए बड़ी आंखें विकसित की हैं.
रॉयल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि जानवरों को समुद्र में जीवित रहने में मदद करने के लिए कई तरह के अजीब अनुकूलन से गुजरना पड़ा है.
अध्ययन के लेखक और ओज़ में मैक्वेरी विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान के प्रोफेसर रिचर्ड शाइन ने न्यूज़वीक से बात करते हुए कहा है कि, 'सभी छह प्रजातियों में सिर की लंबाई की तुलना में नर की आंखें बड़ी थीं. उनमें से तीन प्रजातियों में यह सांख्यिकीय रूप से बेहद जरूरी था.
उन्होंने ये भी बताया कि नरों में बड़ी आंखों का एक कारण यह हो सकता है कि वे मेटिंग के लिए विजन में स्थानांतरित हो गए हैं, क्योंकि (जमीनी सांपों के विपरीत) वे मादा द्वारा जमीन पर छोड़े गए गंध के निशान का अनुसरण नहीं कर पाते हैं.
पेपर में इसका भी वर्णन है कि पार्टनर खोजने या मेटिंग के समय इन सांपों की आंखें इन्हें काफी मदद करती हैं. बताया गया है कि इन बड़ी आंखों के बल पर सांप बेहतर साथी की तलाश कर पाता है.
शोध में ये भी कहा गया है कि अपने स्थलीय समकक्षों के विपरीत, नर समुद्री सांप प्रजनन के लिए तैयार मादाओं का पता सिर्फ गंध से नहीं लगा सकते हैं. चूंकि पानी में गंध का पीछा करने में इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में बड़ी आंखों की बदौलत ये आसानी से मादाओं की तलाश कर लेते हैं.
नरों की आंखों के विकास की अन्य संभावनाएं यह हैं कि वे अच्छी तरह से देखने के लिए बहुत छोटी होती हैं. मामले में एक रोचक तथ्य ये भी है कि नर और मादाओं की आंखों का आकार उनकी अलग-अलग आदतों पर आधारित हो सकता है.
अध्ययन में शामिल लेखकों ने इस बात पर भी बल दिया है कि आंख और सिर के आकार जैसे विकासवादी परिवर्तनों पर उनका शोध इस बात पर कुछ प्रकाश डालेगा कि प्राणियों ने जमीन पर रहने से लेकर समुद्र में रहने तक के संक्रमण सदियों में कैसे तय किया.