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क्रैश होने के बाद बर्फीली झील में गिरा प्लेन, 12 घंटे तक पंख से चिपके रहे 2 बच्चे और पायलट

अलास्का में एक बर्फीली झील में क्रैश हुए एक छोटे प्लेन के पंख पर एक पायलट और दो बच्चे लगभग 12 घंटे तक मुश्किल हालात में जीवित रहे. तब जाकर स्थानीय लोगों ने उन्हें रेस्क्यू किया और बाहर निकाला.

जमी झील में क्रैश हुआ प्लेन, ऐसे बचे पायलट और दो यात्री (फोटो - AP) जमी झील में क्रैश हुआ प्लेन, ऐसे बचे पायलट और दो यात्री (फोटो - AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

अलास्का में बर्फीली झील में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के पंख से दो बच्चे और एक पायलट लगभग 12 घंटे तक चिपके रहे. टेरी गोडेस ने रविवार रात को फेसबुक पर एक अपील देखी, जिसमें स्थानीय लोगों से खोए हुए विमान की खोज में शामिल होने का आग्रह किया गया था.

खास तौर पर इसके लोकेटर बीकन के गायब होने के बाद, सोमवार की सुबह, लगभग एक दर्जन पायलट इस चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू मिशन पर पलग गए और अपने विमानों में आसमान में उस इलाके का चक्कर लगाने लगे, जहां एक छोटा विमान क्रैश हुआ था. 

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जमी हुई झील में पड़ा था प्लेन
मंगलवार को टेरी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया गया कि यह देखकर मेरा दिल टूट गया कि एक बर्फीली झील में विमान का मलबा दिखाई दे रहा था. लेकिन जैसे-जैसे मैं नीचे की ओर गया, मैंने देखा कि पंख के ऊपर तीन लोग थे.

लापता विमान, पाइपर पीए-12 सुपर क्रूजर, सोल्दोत्ना से सिनाई प्रायद्वीप के निकट स्किलाक झील तक मनोरंजक उड़ान भर रहा था, जब विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उस समय उसमें पायलट और उसके दो युवा रिश्तेदार सवार थे.

दुर्घटनाग्रस्त प्लेन को ढूंढने में लगे थे दर्जनों विमान
गोडेस द्वारा विमान की खोज कर रहे अन्य पायलटों को सचेत करने के बाद अलास्का आर्मी नेशनल गार्ड ने सोमवार को टुस्टुमेना झील के पूर्वी किनारे पर तीनों को बचा लिया. दूसरे पायलट डेल आयशर ने गोडेस का रेडियो प्रसारण सुना और सैनिकों को सूचित किया. क्योंकि वह स्किलक झील के करीब था.

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वह अधिकारियों को विमान के निर्देशांक भी उपलब्ध कराने में सफल रहे.आयशर ने कहा कि मुझे यकीन नहीं था कि हम उन्हें ढूंढ पाएंगे, खासकर इसलिए क्योंकि पहाड़ों के काफी हिस्से पर बादलों की परत थी, इसलिए वे आसानी से उन बादलों में हो सकते थे, जिन तक हम नहीं पहुंच सके.

पंख से चिपक कर शून्य से नीचे तापमान में पूरी रात बिताई
अलास्का स्टेट ट्रूपर्स के अनुसार, जीवित बचे तीनों लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी चोटें जीवन के लिए खतरा नहीं थीं. उन्होंने कहा कि विमान में अनेक चमत्कार हुए, जैसे विमान का डूबा नहीं, जीवित बचे लोग पंख के ऊपर बने रहे तथा तीनों का 20 डिग्री (शून्य से नीचे) तापमान में रात गुजारना.गोडेस ने बताया कि विमान का अधिकांश हिस्सा झील में डूबा हुआ था तथा केवल पंख और पतवार का ऊपरी हिस्सा ही बर्फ और पानी के ऊपर दिखाई दे रहा था.

तीनों को रेस्क्यू करना था काफी मुश्किल 
207वीं एविएशन रेजिमेंट के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल ब्रेंडन होलब्रुक ने बताया कि शुरुआती योजना तीनों को ऊपर खींचकर विंग से बाहर निकालने की थी, लेकिन यह बहुत खतरनाक साबित हुआ, क्योंकि सबसे छोटी लड़की हेलीकॉप्टर द्वारा बनाई गई हवा से हिल रही थी और इधर-उधर उड़ रही थी. इसलिए, हेलीकॉप्टर विमान के विंग के किनारे पर मंडराया और तीनों लोगों को खींच लिया.

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ठंड से बचने के लिए किसी के पास नहीं थे पर्याप्त कपड़े
होलब्रुक ने कहा कि उन्हें बताया गया कि तीनों लोगों के पास बुनियादी कपड़े थे, जिन्हें अलास्का में छोटे विमानों में पहना जाता है, जहां बहुत अच्छी हीटिंग व्यवस्था नहीं थी, लेकिन झील पर बह रही ठंडी हवाओं के साथ सर्दियों जैसे तापमान में किसी के पास खुद को गर्म रखने के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं थे.

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विमान की पूंछ बर्फ में नहीं जमती तो वह डूब जाता
होलब्रुक ने कहा कि आखिरकार, उस हवाई जहाज़ के चालक दल भाग्यशाली थे क्योंकि मेरे साथियों ने मुझे जो बताया था, उसके अनुसार वह विमान बर्फ में था और उसकी पूंछ फिर से जम गई थी और अगर वह पूंछ फिर से नहीं जमती, तो वह डूब जाता.अभी तक इस बात का कोई सुराग नहीं मिल पाया है कि विमान ने नीचे की ओर क्यों छलांग लगाई.

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