Advertisement

ऑन ड्यूटी नशे में टल्ली हुआ कर्मचारी, नौकरी छीनी तो बॉस को देने पड़े 32 लाख!

शराबी स्टाफ को नौकरी से निकालना एक कंपनी को भारी पड़ा है. दरअसल, शख्स ने ड्यूटी के दौरान ही इतनी शराब पी ली कि वह बेसुध हो गया था. शख्स को साथी स्टाफ ने घर तक पहुंचाया. इस घटना के बाद उसे कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया. कंपनी के फैसले के खिलाफ शख्स कोर्ट पहुंच गया और वह केस जीत भी गया.

ब्रीच ऑफ ट्रस्ट का आरोप लगाकर स्टाफ को नौकरी से निकाला (प्रतीकात्मक तस्वीर/GettyImages) ब्रीच ऑफ ट्रस्ट का आरोप लगाकर स्टाफ को नौकरी से निकाला (प्रतीकात्मक तस्वीर/GettyImages)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

काम के दौरान एक शख्स ने इतनी शराब पी ली कि वह बेसुध हो गया और फिर साथी कर्मचारी ने उसे घर तक छोड़ा. इस हरकत की वजह से शख्स को कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया. लेकिन मामले को लेकर शख्स कोर्ट पहुंच गया. सुनवाई के बाद फैसला उसके पक्ष में आया. कोर्ट ने कंपनी को भेदभाव करने का दोषी पाया और शख्स को करीब 32 लाख रुपए हर्जाना देने का फैसला सुनाया है.

Advertisement

मामला आयरलैंड का है. शराब की लत के शिकार ईमोन मर्फी को बगेनलस्टाउन शहर के Connolly’s Supervalu सुपरमार्केट का इंचार्ज बनाया गया था. घटना वाले दिन स्टोर्स के मालिक बाहर गए थे. बताते हैं कि इससे पहले शराब से जुड़े कई मामले सामने आने के बावजूद ईमोन काम के समय डिसिप्लिंड रहते थे. कंपनी के डॉक्टर ने भी तब काम के लिए उन्हें फिट घोषित कर दिया था.

एक रोजगार न्यायाधिकरण में सुनवाई के दौरान बताया गया कि 24 अक्टूबर 2020 को ईमोन मर्फी ने ‘काफी मात्रा में शराब पी रखी थी’. फिर काम के दौरान भी उन्होंने इतनी वोदका पी ली कि वह बेसुध हो गए. 

मर्फी के वकील हेलेन बैरी ने बताया कि शराब पीकर बेसुध होने के बाद साथी स्टाफ उन्हें घर लेकर गए थे. इस घटना के बाद Michael Connolly & Sons Ltd कंपनी ने मर्फी को नौकरी से निकाल दिया. कंपनी ने मर्फी की हरकत को 'हद से ज्यादा' ब्रीच ऑफ ट्रस्ट बताया.

Advertisement

Irish Independent की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायनिर्णायक अधिकारी माइकल मैकएंटी ने ट्रिब्यूनल कोर्ट में माना कि मर्फी की शराब की लत को एक डिसेबिलिटी की तरह ट्रीट किया गया है.

मैकएंटी ने बताया कि अचानक कंपनी से निकाले जाने की वजह से मर्फी 18 हफ्ते तक बेरोजगार रहे थे. नई जॉब में भी उन्हें कम सैलरी मिल रही थी. उन्हें नई नौकरी में करीब 23 लाख रुपए मिलते हैं. कानूनन मर्फी को 104 हफ्ते का नुकसान हुआ है. इस दौरान उन्हें करीब 85 लाख रुपए का नुकसान हुआ.

मामले में मैकएंटी ने मर्फी के पक्ष में फैसला सुनाया और उनकी पुरानी कंपनी को करीब 32 लाख रुपए हर्जाना देने का फैसला सुनाया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement