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इस राज्य में स्कूटी खरीदने पर महिलाओं को सरकार देगी 25 हजार

 हर परिवार में एक ही महिला इसके लिए एलिजिबल होंगी. वैसे परिवारों को तवज्जो दिया जाएगा जिन्हें महिलाएं चलाती हैं. विधवा, विकलांग या ट्रांसजेंडर होने पर भी प्राथमिकता मिलेंगी.

प्रतीकात्मक फोटो. प्रतीकात्मक फोटो.
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST

तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार की ओर से जनता को मुफ्त दिए जाने वाले सामानों और सब्सिडी में अब 'अम्मा स्कूटर' भी जुड़ गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु की वैसी महिलाएं जिनकी सालाना आमदनी 2.5 लाख से कम है, उन्हें 125 सीसी तक के टू ह्वीलर की खरीद पर 50 फीसदी या 25 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख रहीं जयललिता की 70वीं बर्थ एनिवर्सरी सेलेब्रेशन के मौके पर 24 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी चेन्नई में इसकी लॉन्चिंग करेंगे. हर परिवार में एक ही महिला इसके लिए एलिजिबल होंगी. वैसे परिवारों को तवज्जो दिया जाएगा जिन्हें महिलाएं चलाती हैं. विधवा, विकलांग या ट्रांसजेंडर होने पर भी प्राथमिकता मिलेंगी.

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आइए जानते हैं एआईएडीएमके सरकार की ओर से दी जाने वाली विभिन्न सब्सिडी पर क्या खर्च आते हैं

अम्मा मिक्सर्स एंड ग्रिंडर्स- 7755 करोड़

अम्मा मैरेज स्कीम- 4332 करोड़

अम्मा लैपटॉप- 3324 करोड़

अम्मा साइकल- 359 करोड़

अम्मा बेबी केयर किट्स- 67 करोड़

बकरियां और गाय- 1159 करोड़

सब्सिडी और वेलफेयर स्कीम

अम्मा फार्मेसी- 20 करोड़

अम्मा सीड्स-  156 करोड़

खाद्य सब्सिडी- 25000 करोड़

मैटरनिटी बेनिफिट स्कीम- 3016 करोड़

अम्मा इंश्योरेंस- 2852 करोड़

डीएमके की ओर से

कलर टीवी- 3384 करोड़

चावल (1 रुपये प्रति किलो)

मेडिकल इंश्योरेंस (गरीबों के लिए)

अम्मा नहीं रही, लेकिन तमिलनाडु के लोगों के लिए ऑफर बरकरार

आपको बता दें कि तमिलनाडु की सत्‍ता पर दो दशक से अधिक राज करने वाली जय‍ललिता ने हमेशा आम आदमी को ध्‍यान में रखा. सत्‍ता दर सत्‍ता उन्‍होंने ऐसे कई फैसले लिए, जो लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता को बुलंदियों पर ले गए. पेट से लैपटॉप तक की जरूरत को उन्‍होंने साधा और 6 बार मुख्‍यमंत्री बनीं. उनकी सफलता के पीछे सबसे बड़ा हाथ अम्‍मा उनवगम का माना जाता है. यह कैंटीन की ऐसी चेन है जिसमें काफी कम कीमत पर लोगों को भोजन मिलता है. खास बात ये है कि केवल गरीबों के लिए ही नहीं बल्कि सभी आय वर्ग के लोगों के लिए यह कैंटीन खुली रहती है. इसे अम्‍मा ने 2013 में शरू किया था. अब उनके नहीं रहने पर भी पार्टी जनता को लुभावने ऑफर देने का सिलसिला जारी रखना चाहती है.

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