
एक बार की ओर से, 'मोहम्मद और मारिया' नाम वाले लोगों को फ्री शराब देने की पेशकश के बाद दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में हंगामा खड़ा हो गया. कंपनी के 6 स्टाफ पर ईशनिंदा कानून लगाया गया है. अब इन लोगों को 10 साल जेल की सजा हो सकती है.
इंडोनेशिया के बार चेन, Holywings के एक प्रमोशनल ऑफर की वजह से विवाद हो रहा है. दरअसल, इस बार चेन ने अपने प्रमोशन में बताया था कि वे लोग मोहम्मद और मारिया नाम के लोगों को फ्री में शराब देंगे. इसके बाद हंगामा मच गया. अधिकारियों ने राजधानी जकार्ता में मौजूद बार चेन के 12 आउटलेट्स के ऑपरेटिंग परमिट को रद्द कर दिया गया और उन्हें बंद करवा दिया.
बार ने अपने प्रमोशनल ऑफर में बताया था कि उनकी तरफ से हर गुरुवार को मोहम्मद नाम के पुरुष और मारिया नाम की महिला को एक शराब की बोतल फ्री देंगे. इस मामले में अब बार स्टाफ को 10 साल की जेल हो सकती है.
इस ऑफर को लेकर एक सोशल मीडिया पोस्ट भी किया गया था, जिसे बाद में हटा लिया गया था. बार की इस हरकत की वजह से वहां के कई धार्मिक संगठन गुस्सा में आ गए. इसकी वजह से बार चेन पर यह कार्रवाई की गई.
बार के 12 आउटलेट्स के बाहर दर्जनों पुलिसवाले पहुंच गए. उन्होंने बिल्डिंग को सील किया और बार परिसर के बार बैनर लगाया गया. इसमें बिजनस एक्टिविटीज को बंद करने के बारे में लिखा गया था.
जकार्ता सरकार ने इस मामले को लेकर अपने वेबसाइट पर एक बयान जारी किया और कहा- रेस्टोरेंट चेन के पास शराब परोसने के लाइसेंस नहीं थे.
बता दें कि इंडोनेशिया की करीब 88 फीसदी आबादी मुस्लिम है, और इस्लाम में शराब का सेवन वर्जित है.
इस मामले में देश के ईशनिंदा कानून के तहत 6 लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. इनमें Holywings के क्रिएटिव डायरेक्टर और प्रमोशनल टीम भी शामिल हैं. इस कानून के तहत ज्यादा से ज्यादा 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा फाइन भी वसूला जा सकता है.
Holywings Indonesia ने मामला सामने आने के बाद प्रमोशन के लिए माफी मांगी है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि उस प्रोमोशन को बिना मैनेजमेंट की सहमति के बनाया गया था.
बार चेन पर इस एक्शन के बाद इंडोनेशिया का ईशनिंदा कानून एक बार फिर चर्चा में है. क्रिटिक्स मानते हैं कि इस कानून की वजह से देश के प्रतिष्ठित 'सहिष्णुता और विविधता' के इमेज को झटका लगता है.
ह्यूमन राइट्स वॉच के इंडोनेशिया के रिसर्चर, एंड्रियास हार्सोनो ने कहा कि ईशनिंदा कानून देश के लिए बहुत खतरनाक होता जा रहा है. बार के प्रमोशन के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हिसाब से देखें तो कोई क्राइम हुआ ही नहीं है.