
तीन ताल के 120वें एपिसोड में कमलेश 'ताऊ', पाणिनि ‘बाबा’ और कुलदीप ‘सरदार' से सुनिए:
-सनीमा मरते दम तक. पप्पा, पप्पू और बबली की कहानी.
-'पठान' क्या ताऊ देखेंगे? ताऊ, बाबा और सरदार की ओर से कुछ फ़िल्म और वेब सीरीज के सुझाव.
-कलम की बीमारी और आदत. रसरंजनोपरांत रक्तरंजित कविता लेखन.
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-स्वयं को संदेश क्यों भेजें? सुलेख वाली कलम.
-ताऊ के बताया कलम से लिखने का एक फ़ायदा. उर्दू में नोट्स.
-चलता हुआ पेन. कलमी आम और ग़ुलाब.
-पेड़ के भीतर पेड़ की प्रक्रिया. सरकंडे की कैपेलरी थियरी.
-कलम और पेन का फ़र्क़. टिकचुक कलम का अवसाद!
-बनारस की मशहूर पेन शॉप. लिखना क्यों ज़रूरी है? हगनवा कलम.
-प्राणांतकारी पनिशमेंट की खूबसूरती! कलम वाली बाई.
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-बिज़ार ख़बर में उस एयरलाइन की बात जो 54 यात्री छोड़ उड़ गई और उन महिला की कहानी जिन्होंने पति को तलाक देकर कुत्ते से शादी कर ली.
-पति बेहतर है या कुत्ता? द स्वान सॉन्ग. कुत्ता और कागज़ दिखाओ!
-कुत्तें क्यों बच्चों से बेहतर हैं? फ़ैज़ की नज़्म कुत्ते.
-बेघर खरगोश. खरहा का स्वाद. कंचे की बेकली.
-ये 'मनु' कौन है? लौझड़ का मतलब.
-बिहार का बरमूडा ट्रायंगल. बिजनेस क्लास के चोंचले.
-और आख़िर में प्रिय तीन तालियों की चिट्ठियां.
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प्रड्यूसर ~ शुभम तिवारी
साउंड मिक्सिंग ~ सचिन द्विवेदी