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शाबाश: बेटी ने पिता को लीवर देकर बचाई जान...

भावना उपाध्‍याय ने वह कर दिखाया है, जो सबके लिए मिसाल बन गया है. जानिए क्‍या किया है उन्‍होंने...

अपने परिवार के साथ भावना उपाध्‍याय अपने परिवार के साथ भावना उपाध्‍याय
राकेश चंद्रा
  • नई दिल्‍ली,
  • 15 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

एक आम महिला की तरह भावना उपाध्याय भी आज अपना 33वां जन्मदिन मना रही हैं. लेकिन इस बार का जन्मदिन कुछ खास है. दरअसल वे अस्‍पताल में हैं.

अस्पताल में जन्मदिन मनाने की खास वजह है, एक बेटी का अपने पिता को जन्मदिन से पहले का तोहफा. माता-पिता तो अपने बच्चो को तोहफा देते ही हैं लेकिन इस बार भावना ने तोफहा दिया पिता को और वह भी नए जीवन का.

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दरअसल, भावना के पिताजी तारादत्त तिवारी देहरादून में रहते हैं. उनके डॉक्टर डॉ सुमित्रा रावत ने लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी थी. डॉक्टर्स की सलाह के बाद पिछले शुक्रवार को अंततः आपरेशन के बाद बेटी द्वारा दिए गए लीवर को डॉक्टरों की टीम ने पिता के लीवर से जोड़ दिया. फ़िलहाल पिता-पुत्री दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में एडमिट हैं.

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सर गंगाराम हॉस्पिटल के लिवर एंड गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी यूनिट के मुखिया डॉ सुमित्रा रावत की अगुवाई में लगभग 10 घंटे तक चले लीवर प्रत्यर्पण में तारादत्त को भावना ने अपने लीवर का 60 फीसदी भाग दिया. उनके पिता पिछले कई साल से एक्यूट लीवर सोरासिस की बीमारी से जूझ रहे थे. भावना का एक बेटा और एक बेटी है. उनके पति हरीश उपाध्याय नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में ह्यूमन रिसोर्स मेनेजर हैं.

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