
जिस तरह आग में तपकर ही सोना कुंदन बनता है. उसी तरह इंसान कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद ही जीवन में ऊंचाइयां हासिल कर पाता है. हाल में इसका ऐसा उदाहरण चर्चा में आया कि कोई भी हैरान रह जाए.
अमेरिका की मल्टीनेश्नल कॉर्पोरेशन और टेक्नोलॉजी कंपनी Nvidia के CEO जेनसन हुआंग (Jensen Huang) का लिंक्डइन प्रोफाइल इन दिनों वायरल है. दरअसल इसमें इतनी बड़ी कंपनी के सीईओ ने अपने अनुभव के बारे में जो लिखा है वह कतई आम नहीं है.
इसमें लिखा है ताइवान में जन्मे अमेरिकी बिजनेस मैन जेनसन ने 1980 के दशक में ओरेगॉन में डेनी में डिशवॉशर (बर्तन धोने वाले), वेटर और बस बॉय के रूप में काम किया.
हालांकि, उनके वर्क एक्पीरिएंस में चूक हैं. ग्रेजुएट होने के बाद, हुआंग ने एलएसआई लॉजिक में कोरवेयर के डायरेक्टर के रूप में काम किया और एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज (एएमडी) में माइक्रोप्रोसेसर डिजाइनर के रूप में काम किया. लेकिन उनके लिंक्डइन प्रोफाइल में इन दो जगहों पर काम जिक्र नहीं किया गया है, जो 1983 से 1993 तक चला था. इसके बाद उन्होंने 30 साल की उम्र में एनवीडिया लॉन्च किया था.
हुआंग, जिनकी नेटवर्थ आज 102 बिलियन डॉलर है, ने पहले भी छोटे काम से शुरुआत के बारे में बात की है. हुआंग ने पिछले साल स्ट्राइप के सीईओ पैट्रिक कॉलिसन के साथ फायरसाइड चैट के दौरान कहा था, 'मेरे पास सभी तरह की नौकरियां थीं. हम एक स्कूल में भी गए जहां कई तरह के काम करने होते थे.' उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता अमीर नहीं थे लेकिन उन्होंने उन्हें कड़ी मेहनत करना और वैल्यूज सिखाए. उन्होंने चैट के दौरान ये भी कहा था, 'देखिए, मैं बाथरूम साफ करता था और अब मैं एक कंपनी का सीईओ हूं.'
एनवीडिया के सीईओ ने डेनी में डिशवॉशर के रूप में काम करना शुरू किया, जल्द ही वह बसबॉय और फिर वेटर बन गए. डेनी में ही सालों तक एनवीडिया का विचार उनके दिमाग में आया. हुआंग की मुलाकात 1993 में एनवीडिया के सह-संस्थापक क्रिस मैलाचोव्स्की और कर्टिस प्रीम से यहीं पर हुई थी.