
बेल्जियम और नीदरलैंड के बीच स्थित बारले (Baarle) गांव अपने आप में बेहद अनोखा रिहायशी इलाका है. इस गांव में कई घर ऐसे हैं जिनके बीचोबीच से दो देशों की सीमारेखा गुजरती है. यहां रहने वाले लोग एक कदम चलकर दूसरे देश पहुंच सकते हैं. जबकि, कुछ घरों का तो दरवाजा ही दूसरे देश में खुलता है. यानी इस घर के लोग सोते एक देश में हैं और जगने के बाहर निकलते हैं तो दूसरे देश में होते हैं.
बारले गांव के बेल्जियम वाले हिस्से को बारले-हर्टोग (Baarle-Hertog) कहा जाता है. वहीं, नीदरलैंड वाले हिस्से को बारले-नासाऊ (Baarle-Nassau) के नाम से जाना जाता है. बेल्जियम और नीदरलैंड की सरकारें मिलकर यहां का प्रशासन चलाती हैं.
हाल ही में यूट्यूबर Drew Binsky ने इस गांव का दौरा किया और अपने वीडियो में दिखाया कि कैसे Baarle के बीचोबीच से दो देशों की सीमारेखा गुजरती है और इस सीमारेखा पर ही कई घर, बिल्डिंग, दुकान, ऑफिस आदि बने हैं.
ऐसे में किसी घर का दरवाजा बेल्जियम में खुलता तो किसी का नीदरलैंड में. कोई बेड पर सोते-सोते करवट बदलते ही दूसरे देश पहुंच जाता है तो एक छलांग में विदेश की सैर कर आता है. बताया गया कि Baarle Village में 'फ्रंट डोर रूल' नीति लागू है. मतलब, जिस देश की ओर घर का फ्रंट डोर होगा उस शख्स का एड्रेस वही देश होगा.
वीडियो में बारले गांव के एक निवासी ने बताया कि यहां कुछ दुकानें ऐसी हैं जिनका आधा हिस्सा बेल्जियम में और आधा हिस्सा नीदरलैंड में है. खुद दुकान इंटरनेशनल बॉर्डर पर है. सीमारेखा की मार्किंग के लिए जगह-जगह 'प्लस' साइन का इस्तेमाल किया गया है. दोनों देशों के फ्लैग भी लगाए हैं.
एक अन्य शख्स ने बताया कि दिन भर में हम दर्जनों बार एक देश से दूसरे देश जाते हैं, क्योंकि उनके बीच की दूरी ही चंद कदमों की है. वो यह भी यह कहते हैं यह हमें अजीब नहीं लगता है, बल्कि पर्यटक इसकी वजह से आकर्षित होते हैं और यहां विजिट पर आते हैं. इसकी वजह से Baarle टूरिस्ट प्लेस बन गया है.
96 साल की एक महिला दुकानदार ने कहा कि हम सब आपस में घुल-मिल गए हैं. पता ही नहीं चलता कि कौन डच है और कौन बेल्जियन. हालांकि, मजाकिया अंदाज में वो कहती हैं कि नीदरलैंड वाले लोग टिप अच्छी-खासी देते हैं.