
राजस्थान में धौलपुर जिले के सरमथुरा पंचायत समिति में अजीब वाकया देखने को मिला. 26 अक्टूबर को होने वाले पंचायती राज चुनाव को लेकर गांव अमानपुरा के ग्रामीण "सड़क नहीं तो वोट नहीं" चुनाव का बहिष्कार कर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. बीते तीन दिनों से ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
शनिवार को भी कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों का घेराव कर उन्हें खरी खोटी सुनाई और बिना प्रचार किए हुए ग्रामीणों ने लौटा दिया था. ग्रामीण पांच किलोमीटर सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं.
पक्की सड़क की मांग कर पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर अमानपुरा के सैकड़ों की तादात में बच्चे महिला एवं पुरुष रविवार को भूख हड़ताल पर बैठ गए. सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर जमकर प्रदर्शन किया.
आजादी के बाद से अभी तक नहीं बनी सड़क
ग्रामीणों ने बताया कि आजादी से अब तक गांव के अंदर सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. सड़क के अभाव में बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं. बारिश में ग्रामीणों का निकलना दुश्वार हो जाता है. कोई व्यक्ति अगर बीमार होता है तो उसके लिए सबसे अधिक मुसीबत खड़ी हो जाती है.
ग्रामीणों का कहना है कि समस्या को लेकर पूर्व में कई मर्तबा राजनेता और प्रशासन के अधिकारियों को अवगत कराया गया लेकिन नेता और प्रशासन की तरफ से कोरे आश्वासन मिले हैं. बुनियादी समस्याओं के साथ ग्रामीण सड़क निर्माण की समस्या से परेशान हैं.
ग्रामीणों का कहना हैं कि पंचायती राज चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे. जब तक गांव के लिए सड़क का निर्माण नहीं होगा तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. प्रदर्शन के दौरान सरकार और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर ग्रामीणों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया गया. पक्की सड़क को लेकर ग्रामीण तीन दिन से लामबंद है और मतदान के बहिष्कार के साथ साथ ग्रामीणों ने शनिवार को भी गांव के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया और गांव में प्रचार करने को आने वाले उम्मीदवारों को भी गांव में नहीं घुसने दिया जिससे उम्मीदवारों को बैरंग ही लौटना पड़ा था. प्रशासन के कर्मचारी ग्रामीणों से समझाईश कर रहे हैं लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर डटे हुए हैं.