
दुनिया में पैसों के लिए इंसान की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले फर्जी अस्पतालों की कमी नहीं. पकड़े जाने पर ऐसे अस्पतालों में आए दिन ताले भी लगते हैं. कहीं झोला छाप डॉक्टर हैं तो कहीं पूरे के पूरे अस्पताल ही झोला छाप हैं. अस्पताल के नाम पर ठगी की इन दुकानों में लोगों की जान की तो मानो कोई कीमत ही नहीं, कीमत है तो सिर्फ पैसे की.
इसी तरह का चीन का एक एक स्व-घोषित "ट्यूमर रिसर्च इंस्टीट्यूट" की जांच के घेरे में आ गया है. दरअसल, यहां कैंसर के इलाज के नाम पर एक महिला के साथ बड़ी ठगी हुई. ये ठगी न सिर्फ पैसों की थी बल्कि इसमें उसकी मां की जान ही चली गई.
'डॉक्टर ने दिखाए पेटेंट डॉक्युमेंट और अवार्ड'
वांग सरनेम वाली महिला के अनुसार, उसकी मां को साल 2021 के अंत में लास्ट स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर डायगनोज हुआ था. इसके बाद उन्हें मध्य चीन के वुहान में कैंसर स्पेशलिस्ट बताकर एक चीनी डॉक्टर से मिलवाया गया. वांग और उसकी मां डोंगयुसानबाओ ट्यूमर रिसर्च इंस्टीट्यूट में यू नाम के शख्स से मिलने गईं. यहां उसने उन्हें बताया कि उसने एक ऐसी दवा का आविष्कार किया है जो कैंसर सेल को मार सकती है. उन्होंने इसके साथ ही उन्हें ठोस पेटेंट डोक्युमेंट और अवार्ड सर्टिफिकेट भी दिखाए.
इलाज में खर्च हुए कुल 23 लाख रुपये
वांग की मां ने तुरंत 20,000 युआन (यूएस $ 2,700- 2.25 लाख रुपये) की कीमत पर यू से दवा का पहला बैच खरीदा, जिसे सिर्फ खा लेने की जरूरत है. वांग ने बताया कि दवा के लगभग एक साल के कोर्स के लिए उन लोगों ने पूर्वोत्तर लिओनिंग प्रांत में अपने घर से कुल 6 बार फ्लाइट से वुहान का सफर किया. यहां पूरे इलाज में उन्होंने कुल मिलाकर 200,000 से अधिक युआन (लगभग 23 लाख रुपये) खर्च किए.
इलाज में छाती पर थोपा सीमेंट और चूना
वांग ने बताया, मेरी बुजुर्ग मां को ओरल दवा देने के अलावा, यू ने उनके ब्रेस्ट में दर्जनों इंजेक्शन भी लगाए. लेकिन उनके इस ट्रीटमेंट का सबसे बेतुका पहलू तब सामने आया जब उन्होंने मेरी माँ को चूने के साथ सीमेंट मिलाकर अपनी बगल की त्वचा पर लगाने के लिए कहा. उनका दावा था कि इससे गांठों को कम करने में मदद मिल सकती है. मेरी मां ने इलाज के नाम पर ये सब किया भी लेकिन दो महीने तक ऐसा करने के बाद उनकी त्वचा बुरी तरह झुलस गई और उसपर फफोले पड़ गए.
पूरे शरीर में फैल गया
वांग ने बताया कि इसके बाद इस साल अप्रैल में, माँ की हालत बिगड़ गई और स्थानीय डॉक्टरों ने बताया कि कैंसर सेल्स तो उनके पूरे शरीर में फैल गई हैं. लेकिन डॉक्टर यू ने जोर देकर कहा कि यह नॉर्मल है, चिंता न करें और मेरी दी हुई दवा लेते रहें लेकिन मां का जून में निधन हो गया.
फर्जी डॉक्टर ने कबूला सारा फर्जीवाड़ा
अपनी मां की मौत के लिए बेतुके इलाज के जिम्मेदार मानते हुए वांग ने यू और उसके इंस्टीट्यूट के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कराया. पकड़े जाने पर यू ने माना कि उनके और उनके इंस्टीट्यूट के पास कोई मेडिकल क्वालिफिकेशन नहीं है और न ही वो कोई प्रेक्टिश्नर है. उसने कहा मैंने उन्हें सिर्फ हेल्दी प्रोडक्ट बेचे. साथ ही उसने माना कि फर्जी सर्टिफिकेट और अवार्ड उसने ऑनलाइन खरीदे थे. अधिकारी अभी भी मामले की जांच कर रहे हैं.