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40 हजार फीट की ऊंचाई पर 2 बार आया हार्ट अटैक, प्लेन में बैठे यात्री ने ऐसे बचाई जान

Cardiac arrest 2 times in Flight: फ्लाइट में यात्रा कर रहे यात्री को 2 बार हार्ट अटैक आया. राहत की बात यह रही कि फ्लाइट में ही मौजूद भारतीय मूल के डॉक्‍टर ने इमरजेंसी दवाइयों और सूझबूझ से इस यात्री की जान बचा ली. जब यह घटना घटी तो फ्लाइट 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रही थी.

ब्रिटेन से भारत आ रही थी फ्लाइट (प्रतीकात्मक फोटो/ गेटी )  ब्रिटेन से भारत आ रही थी फ्लाइट (प्रतीकात्मक फोटो/ गेटी )
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली ,
  • 06 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रही फ्लाइट में एक यात्री को दो बार हार्ट अटैक आया. गनीमत यह रही कि फ्लाइट में ही मौजूद डॉक्‍टर ने इस शख्‍स की जान बचा ली. जब फ्लाइट मुंबई में लैंड हुई तो यात्री ने डॉक्‍टर को थैंक्‍स कहा और उसके आंसू छलक पड़े. यात्री ने डॉक्‍टर से कहा वह उनका कर्जदार हो गया है, जो कुछ उन्‍होंने किया वह कभी भी नहीं भूल पाएगा. 

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डॉ विश्‍वराज वेमला (Dr Vishwaraj Vemala) ब्रिटेन के बर्मिंघम में मौजूद क्‍वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल (Queen Elizabeth Hospital) में हेपेटोलॉजिस्‍ट हैं. वह ब्रिटेन से मुंबई आ रही फ्लाइट AI128 में यात्रा कर थे. तभी एक यात्री अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा. वह ना तो यह सांस ले पा रहा था और ना उसकी नब्‍ज चल रही थी. इसके बाद डॉ वेमला शख्‍स के पास पहुंचे और उसको होश में लाने की कोशिश की. इस यात्री को हार्ट अटैक आया था. 

जान बचाने वाले डॉ विश्‍वराज वेमला (Credit: University Hospitals Birmingham)

जब डॉक्‍टर वेमला यात्री की जान बचाने की कोशिश कर रहे थे तो उन्‍होंने केबिन क्रू से पूछा कि क्‍या उनके पास कोई दवाई है? गनीमत यह रही कि फ्लाइट में इमरजेंसी किट और दवा मौजूद थी. इस दौरान डॉ वेमला, हार्ट रेट मॉनिटर, ब्‍लड प्रेशर मशीन, पल्‍स ऑक्‍सीमीटर और ग्‍लूकोस मीटर से लगातार यात्री पर नजर रख रहे थे. करीब एक घंटे की कोशिश के बाद यह यात्री होश में आया. होश में आने के बाद उसने डॉक्‍टर से बात की, लेकिन इसके बाद शख्‍स को दोबारा कार्डियक अरेस्‍ट आ गया. लेकिन, डॉक्‍टर वेमला ने यात्री की फिर से जान बचा ली. 

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'द इंडिपेंडेट' की रिपोर्ट में बताया गया है कि यात्री की मेडिकल हिस्‍ट्री में उसे हार्ट से रिलेटेड कोई दिक्‍कत नहीं थी.  

पांच घंटे तक रखी नजर 

जिस फ्लाइट से डॉ वेमला आ रहे थे, उसकी भारत तक आने की अवधि 10 घंटे थी. डॉ वेमला ने कहा कि यात्री का पल्‍स और ब्‍लड प्रेशर 2 घंटे तक अनियमित रहा, केबिन क्रू की मदद से यात्री को पांच घंटे तक जिंदा रखने की कोशिश की गई. डॉ वेमला ने कहा-जब यह सब हुआ तो सभी लोग, खासकर अन्‍य यात्री डर गए थे. 

पाकिस्‍तान ने नहीं दी फ्लाइट उतारने की अनुमत‍ि 

रिपोर्ट में बताया गया है जब इस यात्री की कंडीशन बिगड़ने लगी तो डॉ वेमला ने पायलट से नजदीकी एयरपोर्ट पर उतारने का आग्रह किया, पायलट ने जब फ्लाइट पाकिस्‍तान में उतारने का अनुमति मांगी तो वहां के अधिकारियों ने नकार दिया. 

लेकिन, राहत की बात यह रही कि कुछ समय बाद ही पायलट ने फ्लाइट को मुंबई में लैंड करवाया, इसके बाद मुंबई एयरपोर्ट पर पहले से मौजूद इमरजेंसी टीम उसे अस्‍पताल में लेकर गई. 

पहली बार ट्रीट किया कार्डियक अरेस्‍ट का केस 

डॉक्‍टर वेमला ने बताया कि लीवर ट्रांसप्‍लांट से जुड़े मामलों में उनकी स्‍पेशिलिटी है, लेकिन कभी कार्डियक अरेस्‍ट से जुड़े केस को 40 हजार फीट की ऊंचाई पर देखना पड़ेगा, इस बारे में कल्‍पना नहीं की थी. डॉक्‍टर बेंगलुरू में रहने वाली अपनी मां को अपने साथ ब्रिटेन वापस लाने के लिए भारत आ रहे थे. 

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