
जिम कार्बेट बाघ अभयारण्य में बाघों की मौत की जांच सीबीआई करेगी. उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अभयारण्य में पिछले पांच साल में हुई बाघों की मौत और उनके शिकार में अधिकारियों की कथित संलिप्तता की सीबीआई जांच के आदेश दिये हैं.
उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मंगलवार को कार्बेट पार्क में पिछले पांच सालों में हुई बाघों की मौत की सीबीआई जांच का आदेश दिए.
अदालत ने सीबीआई को बाघों के शिकार में वन अधिकारियों की संलिप्तता का पता लगाने के भी आदेश दिए. आदेश में कहा गया है कि सीबीआई इस मामले की जांच करेगी और इसकी शुरूआती रिपोर्ट तीन माह के अंदर सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश की जायेगी. सीबीआई जांच में अपनी वन्यजीव शाखा की सेवाएं भी ले सकेगी.
अदालत ने यह आदेश तब दिया जब उसे इस तथ्य से अवगत कराया गया कि पिछले छह माह में पार्क में मरे नौ बाघों में से केवल छह की ही प्राकृतिक मृत्यु थी.
अदालत ने कहा कि वह सीबीआई जांच के आदेश नहीं देती लेकिन वर्तमान मामला दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी का है जहां सीबीआई की विशेषज्ञता की प्रार्थना की गयी है. अदालत ने इस बात पर भी चिंता जतायी कि पिछले ढाई साल की अवधि में प्रदेश में 40 बाघ और 272 तेंदुओं की मौत हुई है.
प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण के लिए कई निर्देश जारी करते हुए अदालत ने रिजर्व की ढिकाला रेंज में निजी या व्यावसायिक जिप्सी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया.