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नौकरी के लिए स्किल टेस्ट नहीं प्रेग्नेंसी टेस्ट? जॉब के लिए 16 कंपनियां में ऐसे हो रहे थे इंटरव्यू, फिर...

आजकल सोशल मीडिया पर एक ऐसा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. चीन के कुछ वकीलों ने हाल ही में कम से कम 16 कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी के लिए आई महिला आवेदकों को प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:57 PM IST

अच्छी जॉब पाने के लिए क्या चाहिए? बेहतरीन स्किल, एक अच्छी डिग्री, अच्छा एक्सपीरियंस—इन सभी की तैयारी के बाद भी नौकरी हासिल करना एक बड़ी चुनौती होती है. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि इन सब शर्तों के अलावा प्रेग्नेंसी टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया जाए?

आजकल सोशल मीडिया पर एक ऐसा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. चीन के कुछ वकीलों ने हाल ही में कम से कम 16 कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी के लिए आई महिला आवेदकों को प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाया. इन कंपनियों ने महिलाओं को औपचारिक रूप से सूचित किए बिना उनके गर्भावस्था की जांच की और कम से कम एक महिला उम्मीदवार को गर्भवती होने का पता चलने पर नौकरी के लिए रिजेक्ट कर दिया.
 
कंपनियों के इस खेल का कैसे पता चला

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सीएनएन के रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला चीन के जियांग्सू प्रांत के नानटोंग जिले का है. जहां एक शिकायत पर ये सारा विवाद सामने आया है.  यहां के वकीलों ने 16 कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी ऑफीशियल नोटिफिकेशन के नौकरी के लिए आई महिलाओं का अवैध रूप से प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया.

जांच में खुलासा हुआ है कि ये कंपनियां महिलाओं के समान रोजगार के अवसरों के अधिकार का उल्लंघन कर रही थीं. आरोप है कि इनमें से एक महिला आवेदक गर्भवती थी और जैसे ही यह जानकारी सामने आई, कंपनी ने उसका अप्वाइंटमेंट लेटर कैंसिल कर दिया. यह मामला न केवल चीनी कानून के उल्लंघन का संकेत है, बल्कि महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन के रूप में भी देखा जा रहा है. 

क्या कहता है चीन का कानून

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चीन का कानून स्पष्ट रूप से प्री-जॉब प्रक्रिया में प्रेग्नेंसी टेस्ट की रोक लगाता है. इसे महिलाओं के समान रोजगार अवसरों के अधिकार का उल्लंघन माना जाता है. मामला सामने आते ही जांच शुरू कर दी गई है और कंपनियों पर एक्शन लेने की तैयारी हो रही है. इस मामले ने अब सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है और लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया पर लोग इसे महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे के रूप में देख रहे हैं।

 

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