
किसी भी इंसान के लिए 35 साल की उम्र उसके करियर का टॉप पॉइंट होती है, यानी जब मेहनत का फल मिलने लगता है. कहा जाता है कि ये वो उम्र होती है, जब करियर पूरी तरह सेट हो जाता है. मगर क्या आपको पता है कि एक देश ऐसा भी है, जहां 35 साल या इससे ज्यादा की उम्र को 'श्राप' के तौर पर देखा जाता है.
यहां हम चीन की बात कर रहे हैं. इस देश में अगर कोई इंसान नौकरी कर रहा है और 35 साल का हो गया है, तो वो बेरोजगार तक हो सकता है. इसके लिए यहां ‘कर्स ऑफ 35’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, यानी '35 का श्राप'.
क्या होता है ‘कर्स ऑफ 35’?
चीन में 35 से अधिक उम्र के लोगों को 60 साल के लोगों की तरह माना जा रहा है. कई कंपनियों ने तो नौकरी देने की न्यूनतम उम्र ही 35 साल कर दी है. खासकर सिविल सर्वेंट के पदों पर. द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस देश में उम्र के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करना गैर कानूनी नहीं है, ऐसे में ये परेशानी तेजी से बढ़ती जा रही है. ज्यादा से ज्यादा कंपनियां कम उम्र के लोगों को नौकरी पर रख रही हैं क्योंकि उन्हें ये उम्रदराज कर्मचारियों से सस्ते में काम दे सकते हैं.
सामाजिक और निजी जिंदगी हो रही प्रभावित
35 साल से अधिक उम्र के लोगों को न केवल नौकरी छूटने का डर रहता है, बल्कि वो अपनी जिंदगी में कुछ दूसरे लक्ष्यों को पूरा करने से भी डरते हैं- फिर चाहे वो घर खरीदना हो, शादी करना हो या फिर बच्चे पैदा करना. द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, लोगों ने करियर, शादी और बच्चों से जुड़े बड़े फैसले लेना बंद कर दिया है क्योंकि वो इसका खर्च उठाने में असमर्थ हैं.
सोशल मीडिया पर क्या बोल रहे हैं लोग?
रिपोर्ट के अनुसार, चीन के सोशल मीडिया पर इस मुद्दे से जुड़े तमाम पोस्ट किए गए हैं. एक पोस्ट में यूजर ने लिखा है, '35 साल की उम्र में काम करने के लिए बहुत बूढ़ा और 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होने के लिए बहुत छोटा हूं. घर का मालिक बनने, शादी करने, बच्चे पैदा करने, कार का मालिक बनने, ट्रैफिक और नशीली दवाओं से दूर रहें, और फिर आपके पास खुशी, स्वतंत्रता और समय सब होगा.'
ये पोस्ट चीन के स्थानीय सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर वायरल हो गया. यह उन कई पोस्ट्स में से एक है, जो चीनी कर्मचारियों के बीच फैले ‘कर्स ऑफ 35’ के डर को साफ तौर पर जाहिर करता है.